-आउटलुक, पहले चंद्रशेखर सरकार और फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री जैसा अहम जिम्मा संभाल चुके 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही दलगत राजनीति से बाहर हैं लेकिन बतौर सार्वजनिक शख्सियत वे आज भी सक्रिय हैं। हाल में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने राजघाट पर लगभग 11 घंटे का धरना और गिरफ्तारी दी। उनकी मांग है कि मजदूरों...
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आयुष्मान भारत स्कीम पर पीएम मोदी के दावे का पूरा सच
-बीबीसी, आयुष्मान भारत के अब एक करोड़ लाभार्थी हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह बड़े ज़ोर-शोर से इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया. उसके बाद से ही बधाइयों का तांता लग गया. क्या अमिताभ बच्चन, क्या अजय देवगन और क्या सरकार के मंत्री. सबने लपक कर इस ख़बर को री-ट्वीट और शेयर किया. आयुष्मान भारत देश की ही नहीं विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है- ऐसा केंद्र...
More »लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!
अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...
More »क्या मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज में बैठ चुकी अर्थव्यवस्था को खड़ा करने का दम है?
-सत्याग्रह, मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रु के आर्थिक पैकेज से जुड़ी घोषणाओं का ब्योरा निपटाया ही था कि चर्चित अंतरराष्ट्रीय एजेंसी गोल्डमैन सैक्स बुरी खबर लेकर आ गई है. उसका कहना है कि भारत अब तक की सबसे बड़ी मंदी का सामना करने वाला है. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में पांच फीसदी की गिरावट आएगी. गोल्डमैन सैक्स ने अपने...
More »कोरोना संकट से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार के पास क्या हैं रास्ते
-बीबीसी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को केंद्र सरकार की ओर से आए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज़ को नाकाफ़ी बताया है. उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से 10 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का दस फीसदी वाला पैकेज़ जारी होना चाहिए क्योंकि वर्तमान पैकेज़ ने कई क्षेत्रों जैसे ग़रीबों, प्रवासियों, किसानों, मजदूरों, कामगारों, छोटे दुकानदारों, और मध्य वर्ग की उचित मदद नहीं की है. वहीं, बीजेपी की...
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