गंगेश द्विवेदी, रायपुर। प्रदेश में सोमवार से 1776 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी शुरू गई है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 10 क्विंटल के हिसाब से खरीदी करने का फरमान जारी किया है, लेकिन यह फरमान प्रदेश के किसानों के लिए मुसीबत का पहाड़ बनकर टूट रहा है। किसानों ने कर्ज लेकर धान की बंपर पैदावार की है, लेकिन बेचने का वक्त आया तो सरकार ने...
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भूखे रहने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
पिछले लगातार तीन वर्षों से गेहूं की खेती करने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी पाते रहे हैं। यह गेहूं के किसानों को भुगतान किए जा रहे दामों में तकरीबन 3.6 फीसद की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यदि इसकी तुलना सितंबर में केंद्रीय कर्मचारियों को दिए गए 7 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता से करें तो पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र में किसानों...
More »सरगुजा में फिर धान के बम्पर उत्पादन की उम्मीद
अंबिकापुर(निप्र)। राज्य सरकार द्वारा प्रति एकड़ 10 क्विंटल ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदे जाने का निर्णय इस बार सरगुजा के किसानों पर भारी पड़ने वाला है। विपरीत मौसम के बावजूद सरगुजा में धान की फसल लहलहा रही है और अगेती किस्म के धान पक चुके हैं जिनकी कटाई भी शुरू हो गई है। ऐसी स्थिति में यदि सरगुजा में हर बार की तरह किसानों ने रिकार्ड तोड़ धान उत्पादन किया...
More »मॉडल जितना सरल, उतना ही कठिन खरीदी !
बिलासपुर (निप्र)। जिला सहकारी बैंक की ओर से राज्योत्सव में धान खरीदी की प्रक्रिया को मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया था। इसमें मॉडल से धान खरीदी को जितना सरल बताया गया, वास्तविक में खरीदी की प्रक्रिया इससे कहीं ज्यादा कठिन है। प्रशासन 12 साल में भी समितियों की दशा सुधारने में नाकाम रही है। इसके चलते किसानों को इन समितियों में धान बेचने के लिए हर साल जूझना...
More »140 करोड़ का चावल दबाकर बैठे हैं 93 राइस मिलर
रायगढ़ (निप्र)। जिले के 93 राइस मिलर 140 करोड़ रुपए का चावल दबा कर बैठ गए हैं। दरअसल समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई धान का उठाव तो पूरा हो गया है, लेकिन चावल जमा नहीं हो सका है। हालात यह है कि अभी भी साढ़े 8 लाख क्विंटल चावल जमा करने के लिए बाकी है। इससे शासन को चपत लग रही है। हालांकि चावल जमा करने के लिए राइस...
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