नई दिल्ली [भारत डोगरा]। भारतीय संविधान ने आदिवासी समुदायों की विशेष आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया और संविधान की इस भावना के अनुकूल हमारे देश में आदिवासी हितों की रक्षा के अनेक कानून भी बनाए गए, लेकिन इसके बावजूद जमीनी स्तर की वास्तविकता यह रही कि आदिवासियों को कई तरह का अन्याय सहना पड़ा। बड़े पैमाने पर वे जमीन से वंचित हुए व उनकी वन-आधारित आजीविका भी अधिकाश स्थानों पर तेजी से कम होती...
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अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला
नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...
More »ग्राम अदालतों का गठन जल्द करें राज्य
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी को त्वरित न्याय मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने राज्य सरकारों से जल्दी से जल्दी ग्राम अदालतें स्थापित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ग्राम न्यायालय अधिनियम पारित कर चुकी है। अगर राज्य सरकारें इसे अमल में लाएं तो पूरे देश में पंचायत स्तर पर 5000 से ज्यादा अदालतें पूरी तस्वीर बदल सकेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अदालतों में ढाई करोड़ मुकदमे...
More »एक से बीपीएल को एक रुपये किलो चावल-गेहूं
रांची : राज्य के बीपीएल परिवारों को एक रुपये किलो चावल-गेहूं एक अप्रैल 2010 से उपलब्ध कराया जायेगा. कैबिनेट ने शनिवार को यह फ़ैसला लिया. अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत नौ लाख 17,900 निर्धनतम बीपीएल परिवार को महीने में 21.35 किलो चावल व 13.65 किलो गेहूं दिया जायेगा. मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना के अंतर्गत 14,76,100 बीपीएल परिवार को 21.91 किलो चावल व 9.10 किलो गेहूं एक रुपये प्रति किलो की दर...
More »नरेगा से हो रहा कृषि कार्य प्रभावित
नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने फसल के मौसम में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत काम नहीं देने की सिफारिश की है क्योंकि इससे देश का कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अनेक राज्यों में नरेगा के अंतर्गत काम करने की वजह से फसल के मौसम में कृषि कार्याे के लिए मजदूर उपलब्ध नहीं होते हैं जिसके चलते...
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