एक सौ पांच साल की कुंवर बाई, जिन्होंने अपनी बकरियां बेच कर शौचालय का निर्माण कराया, ‘स्वच्छता दिवस' के अवसर पर दिल्ली में सम्मानित की जाएंगी। खबरों के मुताबिक कुंवर बाई ने कोटाभररी नामक अपने गांव (जिला राजनांदगांव) में स्त्रियों को खुले में शौच जाने की असुविधा से बचाने के लिए यह निर्माण कराया। बेशक कुंवर बाई का सरोकार व त्याग काबिले-तारीफ है और उनको स्वच्छता दूत नियुक्त किया जाना,...
More »SEARCH RESULT
वनाधिकार कानून-- दिन भर चले अढ़ाई कोस!
आदिवासी समुदाय को जमीन पर हकदारी देने वाले वनाधिकार कानून पर अमल का अंदाजा इस तथ्य से लगाइए कि इस साल के जून महीने के आखिर तक राष्ट्रीय स्तर पर वनपट्टों पर दावेदारी के तकरीबन 50 फीसद मामले खारिज किए गए हैं. खारिज किए गए ये मामले कुल 19 राज्यों के हैं. जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वनाधिकार कानून के क्रियान्यवयन से संबंधित जारी नये आंकड़ों से इस तथ्य का खुलासा होता...
More »#RaghuramRajan: मिडल क्लास का 'गुड मैन' जो राजनीति से नहीं बच पाया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में बतौर गर्वनर तीन साल तक कार्यरत रहने के बाद आज रघुराम राजन विदा हो रहे हैं। आज आरबीआई में उनका आखिरी दिन है। तीन साल का उनका ये सफर बहुत ही विवादास्पद रहा। एक ओर जहां उन्हें राजनीति का शिकार होने पड़ा और आलोचनाएं झेलनी पड़ी। वहीं दूसरी ओर आर्थिक विशेषज्ञों ने उनकी जमकर तारीफ की। अगर भारत के जीडीपी ग्रोथ की बात करें तो...
More »विशाल श्रम बल का लाभ लें-- आकार पटेल
अगले चार वर्षों में भारत में कामकाजी लोगों की संख्या करीब 87 करोड़ हो जायेगी. इस तरह भारत विश्व में सबसे ज्यादा कामकाजी आबादी वाला देश बन जायेगा. जब कोई देश ऐसी स्थिति में होता है, कि वहां कामकाजी आबादी का प्रतिशत उच्च स्तर पर पहुंच जाता है, तब वह कुछ पाने की उम्मीद करने लगता है. ऐसी स्थिति को जनसांख्यिकीय विजाभन (डेमोग्राफिक डिविडेंड) कहते हैं. इसका अर्थ यह...
More »शासन की भटकी प्राथमिकताएं-- उर्मिलेश
अपनी हाल की पूर्वी उत्तर प्रदेश यात्रा में मुझे बार-बार इस बात का एहसास होता रहा कि किस तरह हमने अपने वास्तविक मसलों को छोड़ कर अनावश्यक सियासी विवादों को प्राथमिकता में शुमार कर लिया है! यह सिर्फ किसी एक व्यक्ति, एक दल या एक सरकार की बात नहीं है, ऐसा लगता है मानो यह हमारा राष्ट्रीय स्वभाव बन गया है. बड़े राजनीतिक दलों के बड़े पदाधिकारी भी एक-दूसरे को...
More »