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महिलाओं ने संभाली श्मशान घाट

राजधानी से 30 किमी पश्चिम गंगा नदी के किनारे बसा एक छोटा सा शहर है मनेरशरीफ. यहां से तीन किमी उत्तर-पश्चिम एक गांव है हल्दीछपरा. एक तरफ मनेरशरीफ को मखदूम शाह यहिया मनेरी और अनेक सूफी-संतों की स्थली के लिए प्रसिद्धि प्राप्त है, दूसरी तरफ मनेर के हल्दीछपरा के इलाकों को पवित्र नदियां सोन, गंगा व सरयूग के संगम के कारण भी अलग पहचान हासिल है. यहां एक अनूठा श्मसान...

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आजाद देश की गुलाम किशोर आबादी ?

एक अरब इक्कीस करोड़ की आबादी वाले भारत में 20 फीसदी व्यक्ति किशोर उम्र (10-19साल) के हैं, मतलब किसी भी अन्य देश के किशोरवय लोगों की संख्या की तुलना में ज्यादा।( भारत में इस उम्र के लोगों की कुल तादाद 24 करोड़ 30 लाख है जबकि चीन में किशोरवय लोगों की संख्या तकरीबन 20 करोड़ है।) हरियाणा के बागपत और असम के गुवाहाटी से आने वाले महिला-उत्पीड़न की खबरों के बीच यह जानना महत्वपूर्ण...

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समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्

समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्याओं के 2011 के आंकड़ों की मानें, तो हर चार मिनट में एक व्यक्ति यहां अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेता है और आत्महत्या करने वाले पांच लोगों में से एक गृहिणी होती है। सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2011 में इससे पिछले साल के मुकाबले 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2010 में...

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कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण

  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्‍बन्‍धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...

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करावलनगर की वॉकर फ़ैक्ट्रियों में मज़दूरों के हालात

उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में करावलनगर के औद्योगिक इलाके और उससे लगे क्षेत्र में वॉकर (छोटे बच्चों को चलने में मदद करने वाली साइकिल) और पालना बनाने वाली 14-15 छोटी-छोटी फ़ैक्ट्रियाँ हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियों में 10-15 मज़दूर और कुछ में 30-40 मज़दूर काम करते हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियाँ दलित बस्ती में हैं, कुछ करावलनगर गाँव, पंचाल विहार और दयालपुर में स्थित हैं। इनमें काम करने वाले ज़्यादातर मज़दूर झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश से आये प्रवासी...

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