इस महामारी काल में 5 जून को, विभिन्न सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के एक स्वयंसेवक समूह ‘स्ट्रान्डेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क’ ने अपनी तीसरी रिपोर्ट ‘टू लीव या नॉट टू लीव? लॉकडाउन, माइग्रेंट वर्कर्स एंड देयर जर्नीज् होम’ जारी की. इस नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन प्रवासी मजदूरों ने स्वान के स्वयंसेवकों को सहायता के लिए फोन किया (15 मई और 1 जून के बीच 821...
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राजनीति से प्रेरित है दिल्ली हिंसा की पुलिस जांच : अपूर्वानंद
-कारवां, अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर होने के साथ एक मानव अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत हिंदुत्व के उभार पर बेबाकी से लिखा और बोला है. पिछले साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे थे तो अपूर्वानंद ने इस कानून के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई. साथ ही वह...
More »जलवायु परिवर्तन और बेमौसम बरसात के कारण भारत के कई राज्यों में टिड्डियों के हमलों में बढ़ोतरी
कोविड-19 लॉकडाउन के बीच, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मई 2020 की दूसरी छमाही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंड देखे गए हैं. हाल ही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंडों द्वारा किए गए हमलों ने इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फसलों, मवेशियों के चरागाहों और हरी वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाया है. एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, 25 मई, 2020 तक राजस्थान के...
More »एकाध को छोड़, ज्यादातर राज्यों ने इस लॉकडाउन में जरूरतमंद दिव्यांगजनों को उनके हाल पर छोड़ दिया
कोविड-19 महामारी के इस दौर में दिल्ली के एक गैर-लाभकारी संगठन – नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एंप्लॉयमेंट फॉर डिस्बेल्ड पीपल (एनसीपीईडीपी) द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता चलता है कि देश में दिव्यांगजन इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. एनसीपीईडीपी की रिपोर्ट के अनुसार विशेष रूप से आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के दिव्यांगजन, लॉकडाउन के दौरान गंभीर कठिनाइयों से गुजर रहे थे. भोजन...
More »सहरिया आदिवासी: लॉकडाउन की मार से त्रस्त
इस बार गर्मियों के दिन पूरन के लिए कुछ अलग हैं, इस साल कोई 'फड़' नहीं लगी गांव में. वैसे हर साल इन दिनों में 'फड़' लगती थी और पूरन अपने परिवार सहित तेंदू पत्ता तोड़ने जंगल जाते थे, इस बार कोरोना वायरस की वजह से ऐसा नहीं हुआ. पूरन शिवपुरी जिले के कुंवरपुर गांव में रहते हैं, वो सहरिया आदिवासी हैं. इन दिनों वो कुंवरपुर की 'सहराना' बस्ती मे लॉकडाउन...
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