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चेन्नई बाढ़ : एक मानव निर्मित त्रासदी

चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है.  हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...

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हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई

हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...

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डूब जाते हैं बनैनिया जैसे समृद्ध गांव और राजनीति उफ तक नहीं करती

महज पांच साल पहले कोसी नदी के किनारे एक खूबसूरत और समृद्ध गांव था बनैनिया. मिथिलांचल और कोसी के इलाकों को जोड़ने के लिए जब महासेतु बना, तो बनैनिया डूब गया. थोड़ी-सी प्रशासनिक सजगता इस गांव को बचा सकती थी. गुणानंद ठाकुर जैसे सांसद और मायानंद मिश्र जैसे बड़े साहित्यकार का यह गांव अब कोसी की धारा में समा गया है.  गांव के लोग 22 अलग-अलग गांवों में रहते हैं....

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ऐसे लौटा सकते हैं हिमालय का वैभव- डा अनिल जोशी

भारत दुनिया के गिने-चुने देशों में से एक है, जिसे प्राकृतिक संसाधनों का असली वरदान प्राप्त है। हिमालय से लेकर समुद्र तक और मरुस्थल से लेकर दलदली क्षेत्र तक यह देश विशिष्ट परिस्थितियों का धनी है। इन सभी में हिमालय को सबसे ऊंचा स्थान मात्र इसकी ऊंचाई के लिए नहीं बल्कि इसकी राष्ट्रसेवा के लिए प्राप्त है। हिमालय देश के नौ राज्यों और कुल भूमि के 17 प्रतिशत क्षेत्र में...

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गांधी का स्वराज और युवाओं की उम्मीदें- रामचंद्र राही

आज जब हम स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं, तो स्वाभाविक है कि एक लोकतांत्रिक देश के सजग नागरिक होने के नाते हम यह पड़ताल करें कि देश की आजादी के महानायकों ने हमारे लिए जो स्वप्न देखे थे, वे कितने पूरे हुए। और यदि पूरे नहीं हुए हैं, तो आखिर हमसे गलतियां कहां हुई हैं? ऐसे में हमें सहज ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ध्यान आता है, जिन्होंने आजादी...

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