नई दिल्ली। ग्लोबल मंदी से निर्यात में गिरावट और रोजगार सृजन की धीमी रफ्तार को देखते हुए सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में नई जान फूंकने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार तटीय क्षेत्रों में बड़े आर्थिक क्षेत्रों को बढ़ावा देने को आम बजट में कुछ प्रोत्साहनों की घोषणा कर सकती है। हालांकि, एसईजेड को ये प्रोत्साहन तभी मिलेंगे जब वे वांछित स्तर पर रोजगार सृजन...
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आर्थिक विकास दर सुधरकर 7.6 फीसद होगी
नई दिल्ली। वैश्विक मंदी के थपेड़े और सूखे की मार से सहमी अर्थव्यवस्था उच्च वृद्धि दर की राह पर आने को संघर्ष कर रही है। मैन्युफैक्चरिंग में उछाल और कृषि क्षेत्र में सुधार के संकेत के साथ चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले साल की 7.2 प्रतिशत से अधिक है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का यह अनुमान...
More »बैंकों के फंसे कर्ज पर चुप्पी क्यों- देविन्दर शर्मा
हाल में एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट हैरान करने वाली थी। पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान 29 राष्ट्रीयकृत बैंकों ने 1.14 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को न वसूल हो सकने वाले डूबत खाते में डाल दिया। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, 7.32 लाख करोड़ रुपये का ऋण आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ दस कंपनियों को दिए गए था। ये रिपोर्टें ऐसे वक्त में आ रही हैं, जब आर्थिक...
More »रघुराम राजन की टिप्पणी के बाद जीडीपी पर कोहराम
किसी भी देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का निर्धारण एक जटिल अर्थशास्त्रीय प्रक्रिया होती है. इसमें अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के उपलब्ध आंकड़ों, मुद्रास्फीति तथा आधार वर्ष के आंकड़ों के समायोजन से कुल उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तय किये जाते हैं. पिछले साल भारत सरकार ने जीडीपी के आकलन की प्रक्रिया में बड़ा फेरबदल किया, जिसे लेकर उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्धारकों में चर्चा चल रही है....
More »फिर भारत की खोज-- कुमार प्रशांत
हम खोजते उसे हैं, जिसकी जरूरत तो लगती है, पर वह हमारे पास होती नहीं है; या जो कभी मिली थी और अब खो गई है। भारत के साथ दोनों स्थितियां हैं। दार्शनिक जद्दू कृष्णमूर्ति से कभी किसी ने भारत की खोज करने की ऐसी ही बात की थी, तो उन्होंने पलट कर पूछा था : क्या तुम्हें कहीं कोई भारत मिला? क्या तुमने कहीं भारत की विशालता जितना बड़ा...
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