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पानीपत की सूत मिलों को बड़ा झटका, इंडस्ट्री के कारोबार में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

गाँव सवेरा, 28 जून देश और दुनिया में पहचान रखने वाली पानीपत की रिसाइकल्ड इंडस्ट्री संकट का सामना कर रही है। शहर की छोटी-बड़ी रिसाइकल्ड यार्न इंडस्ट्री बेकार कपड़ों को रिसाइकल कर सूत से धागे बनाती है, जिनका इस्तेमाल कई दूसरे सामान बनाने के लिए भी किया जाता है, जिसमें कालीन, कंबल, शॉल, पर्दे, बाथ मैट, फुट मैट और बेडशीट आदि शामिल हैं।  पिछले करीब दो महीनों से पानीपत में रिसाइकल्ड यार्न...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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बात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की!

क्या इस देश को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जरूरत है? जिस मकसद को लेकर इन बैंकों का गठन किया गया था क्या वो पूरा कर पा रही हैं? क्या पब्लिक सेक्टर के बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ कुशलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर पा रही हैं? आज के न्यूज़ अलर्ट समाचार में इन्हीं प्रश्नों का उत्तर ढूंढने की कोशिश करेंगे– सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुशलता– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक...

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क्या है भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का भविष्य ?

आज भारत की आबादी 1.4 बिलियन है जो कि निरंतर बढ़ रही है. बढ़ती हुई जनसंख्या और राष्ट्र में आर्थिक वृद्धि के लिए वाहनों की मांग रहती है. अब तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल 29.11 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं.  आर्थिक वृद्धि से इतर वाहनों ने पर्यावरण को प्रदूषण के रूप में तोहफा भी दिया है. तो जवाब में पर्यावरण ने जलवायु परिवर्तन के रूप में वापसी उपहार दिया...

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महामारी के समय में बजट और राजनीति

-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...

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