डिजिटल भुगतान पर सरकार के जोर देने के खिलाफ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि सरकार का यह जानना कि कोई युवती कौन-सा अधोवस्त्र (अमेरिका व यूरोप और भारत के अभिजात्य वर्ग में इसे 'लॉन्जरी कहते हैं) खरीदती है, या कोई पुरुष कौन-सी दारू पीता है, उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। बोफोर्स घोटाले के दौरान विश्वनाथ प्रताप सिंह ने वाराणसी की एक जनसभा...
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कैशलेस अर्थव्यवस्था की मरीचिका--- पी चिदंबरम
जब-तब कोई नया शब्द या पद बातचीत में चल पड़ता है। आठ नवंबर 2016 को विमुद्रीकरण शब्द का चलन शुरू हुआ। ऐसा चित्रित किया गया जैसे जंगी घोड़े पर सवार कोई सेनापति काला धन, भ्रष्टाचार और नकली मुद्रा रूपी राक्षसों का वध करने निकला है।छह हफ्तों बाद भी काले धन के दैत्य का कुछ नहीं बिगड़ा है। टैक्स चोरी करने वाले नोटबंदी से अविचलित जान पड़ते हैं; वे नए नोटों...
More »मुद्रामुक्त समाज का दिवास्वप्न-- पुष्परंजन
यूरोप का पहला देश है स्वीडन, जहां सन् 1661 में पहली बार बैंक नोट जारी किया गया था. उसी स्वीडन ने 2030 तक संपूर्ण रूप से करेंसी नोट मुक्त करने का संकल्प किया है. स्टाॅकहोम रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर निकलस अरविंदसन ने 2013 में एक अध्ययन के जरिये अनुमान लगाया था कि स्वीडन 2030 तक ‘मुद्रामुक्त समाज‘ घोषित हो जायेगा. अरसे से स्वीडन की बसों, मेट्रो में कैश...
More »संकट में वन्य जीव-- रीता सिंह
वर्ल्ड वाइल्ड फंड एवं लंदन की जूओलॉजिकल सोसायटी की हालिया रिपोर्ट चिंतित करने वाली है कि 2020 तक धरती से दो तिहाई वन्य जीव खत्म हो जाएंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में हो रही जंगलों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले चार दशकों में वन्य जीवों की संख्या में भारी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 1970 से 2012 तक...
More »नदियां अविरल बहेंगी या नहीं हमें तय करना है-- श्रीश चौधरी
ये नदियां नहीं बहेंगी, हम दशाश्वमेध, द्वारकाधीश या केशी घाट पर स्नान नहीं कर पायेंगे, उनका जल पीकर अपने शरीर के घाव एवं मन का पाप नहीं धो पायेंगे, वहां जाकर भी हम आरओ के पानी में स्नान करेंगे और बिस्लेरी ही पियेंगे, तो फिर इन मंदिरों का एवं वैशाख, कार्तिक एवं माघ महीने में वहां मास भर रहने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. पढ़िए अंतिम कड़ी. उन्नीसवीं...
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