गत वर्ष गेहूं का रिकार्ड उत्पादन हुआ था. पूर्व के स्टॉक भी पर्याप्त मात्र में उपलब्ध थे. इस परिस्थिति में सरकार ने 2011 में गेहूं के निर्यात की स्वीकृति दे दी थी. कुछ निर्यात हुए भी हैं. गेहूं का उत्पादन हमारी जरूरतों से ज्यादा है. इस असंतुलन को ठीक करने के दो उपाय हैं. एक यह कि गेहूं की खपत अथवा निर्यात बढ़ाया जाये. दूसरा यह कि गेहूं का उत्पादन घटाया...
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महंगी दवाओं का कारोबार- रामप्रताप गुप्ता
सरकार ने जब 2002 में दवा कीमत नीति का प्रकाशन किया था, जिसमें कीमत नियंत्रण की व्यवस्था के अंतर्गत शामिल दवाओं की संख्या को 76 से कम करने का प्रस्ताव था, तो कर्नाटक हाई कोर्ट में कुछ जनसंगठनों ने इसके विरुद्ध याचिका दायर की थी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में इस नीति पर रोक लगा दी थी। इस पर केंद्र सरकार ने इस निर्णय के विरुद्ध अपील की थी, तो...
More »प्याज की खेती के लिए नये हल की की ईजाद
शेखपुरा : प्याज की खेती के लिए मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को जल्द ही राहत मिल जायेगी. एकसारी गांव निवासी शशिभूषण ने एक ऐसे हल की ईजाद की है, जो प्याज की खेती के लिए क्यारी बनाने में किसानों को राहत पहुंचा रहा है. लंबी अवधि और ज्यादा मजदूरी भुगतान कर क्यारी बनवाने को विवश किसान इस नये हल का लाभ उठा कर सस्ते दर पर कम...
More »प्याज की खेती के लिए नये हल की ईजाद
शेखपुरा : प्याज की खेती के लिए मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को जल्द ही राहत मिल जायेगी. एकसारी गांव निवासी शशिभूषण ने एक ऐसे हल की ईजाद की है, जो प्याज की खेती के लिए क्यारी बनाने में किसानों को राहत पहुंचा रहा है. लंबी अवधि और ज्यादा मजदूरी भुगतान कर क्यारी बनवाने को विवश किसान इस नये हल का लाभ उठा कर सस्ते दर पर कम...
More »कृषि उत्पादन नहीं, मूल्य बढ़ायें- भरत झुनझुनवाला
अर्थव्यवस्था में तीव्र विकास के बावजूद कृषि और किसानों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. पिछले साठ वर्षो में प्रत्येक सरकार ने कृषि में सुधार का संकल्प लिया है, किंतु स्थिति बिगड़ती गयी है, जैसा कि आत्महत्या की बढ़ती संख्या से अनुमान लगता है. मूल कारण यह है कि सरकार का ध्यान कृषि उत्पादन में वृद्धि की ओर ज्यादा रहा है, मूल्यों में वृद्धि की ओर कम. मान्यता है कि...
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