बिहार के भोजपुर जिले के बीहिया से अजय कुमार, शाहपुर के परशुराम, बरहरा के शत्रुघ्न और पीरो के अरुण कुमार ये लोग भले ही अलग-अलग इलाकों के हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है, वो है इनके बच्चों की आंखों की रोशनी। इनके साथ ही सोलह और अन्य परिवारों में जन्में नवजात शिशुओं की आँखों में रोशनी नहीं है। इनकी आँखों में रोशनी जन्म से ही नहीं है। बिहार के...
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दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 8,452 रुपये बढ़ी
नई दिल्ली ।। दिल्लीवालों की आमदनी बढ़ रही है। दिल्ली सरकार के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में 8,452 रुपये का इजाफा हुआ है। दिल्ली वालों की प्रति ...
More »निर्माण व संचार ने बदली सूबे की तस्वीर
पटना। गुजरात के बाद देश में विकास की दौड़ में दूसरे नंबर पर रहने वाले बिहार की अर्थव्यवस्था में उछाल का मुख्य कारण निर्माण, संचार और व्यापार के क्षेत्र में दर्ज हुई तेज वृद्धि है। विधानमंडल में राज्य सरकार द्वारा गुरुवार को पेश वर्ष 2009-2010 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इस संबंध में लगाए जा रहे अनुमानों पर मुहर लगा दी है। प्रदेश में चार सालों में प्रति व्यक्ति आय 7,443 रुपये से बढ़कर 10,415 रुपये...
More »कितना भूखा है मध्यप्रदेश: शिरीष खरे
झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...
More »भारत में जननी मृत्यु की संख्या बहुत ज्यादा- यूनिसेफ रिपोर्ट
गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के काऱण विश्व में सालाना जितनी महिलाओं की मृत्यु होती है उसमें दो तिहाई महिलाओं सिर्फ दस राष्ट्रों की हैं।केवल भारत और नाइजर को ही एक साथ मिलाकर देखें तो यहां गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के कारण मरने वाली महिलाओं की संख्या विश्व-संख्या की एक तिहाई है।।यूनिसेफ द्वार हाल ही में जारी स्टेट ऑव वर्ल्डस् चिल्ड्रेन 2009 नामक एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक...
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