भोपाल। टैक्स और घोषणा पत्र के फेर में उलझे किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब केवल आयकर दाता किसानों को ही राहत राशि नहीं मिल पाएगी। सर्विस और प्रोफेशनल टैक्स भरने वाले किसान या किसी खातेदार को यह राशि मिल सकेगी। साथ ही सादे कागज पर तय फॉर्मेट में इसके लिए आवेदन किया जा सकेगा। राज्य शासन ने प्रदेशभर से राहत राशि वितरण में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के बाद...
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सिर्फ़ 1411 शेर बचे हैं, किसान अभी बहुत हैं!-- अजय शर्मा
तेलंगाना के महबूबनगर ज़िले के गांव गुरुराव लिंगमपल्ली में मेरी मुलाक़ात अंजम्मा से हुई. वो एक किसान की बेवा हैं. अंजम्मा के हाथ में 30 हज़ार रुपए के क़र्ज़ का पर्चा था, जिसे देख-देखकर उनका मन रोने को हो आता. शायद इस गांव में उनके आंसुओं के पीछे मौजूद दर्द समझने वाला कोई नहीं. आख़िर ये लिंगमपल्ली में किसी किसान की पहली मौत जो है. हालांकि लिंगमपल्ली में सूखा और क़र्ज़ सभी किसानों...
More »महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
More »सबके लिए पैसा है, पर किसानों के लिए नहीं - देविंदर शर्मा
मानसून खत्म हो चुका है। 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और देश में फसल वाले ऐसे करीब 39 फीसद इलाके हैं, जहां बिलकुल सूखा है। उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन किसानों के लिए वित्तीय लाभों और ऋण भुगतानों में छूट की श्रंखला की घोषणा करेंगे। इसकी जगह रघुराम राजन ने पिछले हफ्ते व्यावसायिक बैंकों के उधार देने की ब्याज दरों में काफी कटौती करने वाली...
More »स्वर्णरेखा नदी की 40 एकड़ जमीन गायब
हटिया. स्वर्णरेखा नदी और नदी तट की 40 एकड़ जमीन गायब है़ सरकारी जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रिहायशी बस्ती बसा ली है़ हटिया के पास स्वर्णरेखा नदी महज पांच फीट बच गयी है़ सरकारी नक्शे के मुताबिक स्वर्णरेखा नदी की यहां चौड़ाई 40 फीट थी़. नदी तट से 200 फीट तक ग्रीन लैंड जमीन है़ यहां निर्माण कार्य नहीं हो सकते है,...
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