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झाबुआ में 17 महीने की बच्ची का वजन 4.5 किलो, होना चाहिए 11 किलो

अहद खान, झाबुआ। ग्राम खेड़ा की 17 महीने की वर्षा को भर्ती जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। उसका वजन सिर्फ साढ़े 4 किलोग्राम है। वो अति कुपोषित बच्चों की श्रेणी में है। सामान्यत: इस उम्र में बच्चे का वजन 11 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए।   आश्चर्य की बात ये है कि इस उम्र तक आने तक महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले की नजर उस पर नहीं पड़ी।...

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आधार के प्रयोग को रोकना उचित नहीं-- हरिवंश

यह बौद्धिक विमर्श और संवाद अपनी जगह है, पर बिचौलियों और भ्रष्टाचार को खत्म करना आज समाज की निगाह में व्यवस्था का सबसे प्रासंगिक और जरूरी मसला नहीं है? हाल ही में एक डच दार्शनिक विचारक व इतिहासकार रटजर बर्जमैन की महत्वपूर्ण किताब आयी है, ‘यूटोपिया फॉर रिअलिस्ट्स' (ब्लूम्सबेरी). यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्टसेलर मानी गयी है. इस पुस्तक का मर्म है कि हम एक अप्रत्याशित उथल-पुथल के दौर में...

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स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा -- प्रो. योगेन्द्र यादव

स्वतंत्रता दिवस पर रेडियो गाना बजा रहा था- ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखायें झांकी हिंदुस्तान की...' मेरा मन बार-बार गोरखपुर के उन बच्चों की तरफ जा रहा था, जो हिंदुस्तान की झांकी देखे बिना ही विदा हो गये. बिना इस मिट्टी से तिलक किये, बस ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ गये. ...ये धरती है बलिदान की! मैं सोचने लगा. काश स्वास्थ्य के मुद्दे पर राजनीति होती! काश सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य...

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बुढ़ापे में ज्यादा देखभाल की जरूरत-- आशुतोष चतुर्वेदी

मुमकिन है कि आपने यह ह्दयविदारक खबर पढ़ी हो. यह खबर किसी को भी झकझोर कर रख सकती है और समाज के लिए एक आईना है. यह खबर एक महत्वपूर्ण तथ्य की ओर भी इशारा करती है कि देश में वृद्धजनों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है और पुराना सामाजिक तानाबाना टूट चुका है. संयुक्त परिवारों का दौर गया और एकल परिवारों में मां-बाप के लिए स्थान नहीं...

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मैं निर्मल ग्राम हूं, खुले में शौच ‘मेरी परंपरा’

अनदेखी . कैथ गांव को 2010-11 में राष्ट्रपति भी कर चुके हैं सम्मािनत   नीमाचांदपुरा : मैं निर्मल ग्राम कैथ हूं, मुझे निर्मल ग्राम का सौभाग्य प्राप्त है. स्वच्छ व निर्मल ग्राम के उपलक्ष्य में वर्ष 2010-11 में राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं, लेकिन, मैं इस सम्मान से खुश नहीं हूं, बल्कि अपने आपको शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं, क्योंकि मैं निर्मल ग्राम की पात्रता पूरी नहीं कर पा रहा हूं.    दर्द...

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