-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 महामारी के पहले दौर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने ग्रामीणों को बहुत सहारा दिया। सरकार ने भी खुल कर खर्च किया। लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर में मनरेगा ग्रामीणों के लिए कितनी फायदेमंद रही, यह जानने के लिए डाउन टू अर्थ ने देश के पांच सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्यों में मनरेगा की जमीनी वस्तुस्थिति की विस्तृत पड़ताल की है। इस कड़ी की...
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मोदी सरकार के टीकाकरण प्रोपगेंडा को तथ्यों और संदर्भ के साथ समझें
-न्यूजक्लिक, 28 जून से कोरोना टीकाकरण को लेकर जबरदस्त प्रोपगेंडा चल रहा है। भारत सरकार, प्रधानमंत्री मोदी, तमाम मंत्री, मंत्रालय, आईटी सेल, मीडिया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं कि भारत टीकाकरण के मामले में पहले स्थान पर आ गया है और अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी और इटली को भी पीछे छोड़ दिया है। कहा जा रहा है कि भारत में 32 करोड़ 36 लाख से ज्यादा वैक्सीन दी जा चुकी हैं।...
More »स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...
More »सुंदरवन से निकला 10 टन प्लास्टिक, अभी सफाई जारी
-डाउन टू अर्थ, यास चक्रवात के बाद सुंदरवन के प्रभावित लोगों तक राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिए कई एनजीओ आगे आये और उनकी तरफ से भोजन से लेकर पानी तक पहुंचाया गया। लेकिन इस राहत अभियान ने सुंदरवन के इको-सिस्टम पर भी बहुत असर डाला है। सुंदरवन की नदियां-तालाब व जमीन प्लास्टिक के बोतल, फुड पैकेट्स, पाउच आदि से भर गये। सुंदरवन का इलाका पश्चिम बंगाल के उत्तर व दक्षिण 24 परगना...
More »बकाया भुगतान पर ब्याज को लेकर यूपी सरकार की चुप्पी, क्या सुप्रीम कोर्ट में तय होगा गन्ना किसानों का हक
-रुरल वॉइस, अगर आपका किसी के उपर बकाया हो और तय अवधि के छह माह और साल भर तक उसका भुगतान न हो तो आपको यह उम्मीद तो होगी ही कि वह ब्याज समेत मिलेगा और यह उम्मीद तब और पुख्ता हो जाती है जब ब्याज मिलना कानूनी हो। लेकिन यह उम्मीद हमेशा पूरी हो इसकी कोई गारंटी नहीं है। उत्तर प्रदेश के करीब 40 लाख गन्ना किसान इस उम्मीद के...
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