नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...
More »SEARCH RESULT
जन को गन का भय
गया [कमल नयन]। देश की स्वतंत्रता को आमजनों की स्वतंत्रता 'न मानने वाले' नक्सली संगठनों ने चालू वर्ष में 'जन' को ज्यादा परेशान किया। यह परेशानी बंद के दौरान उनके समर्थन में नहीं बल्कि 'गन' के भय से होती है। खासकर सूबे के बंद के दौरान गया जिले का शेरघाटी अनुमंडल सर्वाधिक प्रभावित होता है। अगर इसे आर्थिक रूप से देखा जाए तो जिले का सबसे कमजोर इलाका बार-बार की...
More »ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति से चिंतित न हो
नई दिल्ली। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिहं अहलूवालिया ने बुधवार को कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति की वृद्धि पिछले वर्ष के निम्न आधार की वजह से है और इससे घबराने वाली जैसी कोई बात नहीं है। गौरतलब है कि 29 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति 16.74 फीसदी की ऊंचाई पर पहुंच गई। अहलूवालिया ने कहा कि यह संभव है कि जब गुरुवार को नए आंकडे़ आएंगे तो...
More »नए रोजगार गढ़ता भारत
नई दिल्ली [जयंतीलाल भंडारी]। इन दिनों जो रोजगार सर्वेक्षण प्रकाशित हो रहे है, वे बता रहे है कि देश के प्रोफेशनल और प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार अवसर बढ़ रहे है। युवा पेशेवरों के लिहाज से यह एक अच्छी खबर है कि भारतीय जॉब मार्केट एक बार फिर से आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रहा है। इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट फर्म एटल के जून 2010 में प्रकाशित किए गए नवीनतम सर्वे में यह...
More »कपास की खेती के लिए नया कीटनाशक
मोहाली, : कपास भारत की सबसे महत्वपूर्ण रेशेदार फसल होने के साथ-साथ देश की कृषि और औद्योगिक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कपड़ा उद्योग के लिए कपास रीढ़ की हड्डी के समान है। कपड़ा उद्योग में 70 प्रतिशत रेशे कपास के ही इस्तेमाल होते है और भारत से विदेशों को होने वाले कुल निर्यात में लगभग 38 प्रतिशत निर्यात कपास का होता है, जिससे देश को 42 हजार करोड़ रुपये...
More »