‘स्लमडॉग मिलेनियर’ फिल्म में हमने गरीबी में जी रहे बच्चों की अमीर बनने से कहानी देखी है. अब भारत की कुछ बड़ी झुग्गी झोपड़ी बस्तियों के बच्चों का एक समूह ब्रिटेन में अपने जीवन पर आधारित एक म्यूज़िकल पेश कर रहा है. इनमें से अधिकतर बच्चे कूड़ा बीनने का काम करते हैं और बाकियों के माता-पिता लोगों के घर काम करते हैं. दस से चौदह साल के बीच के इन बच्चों...
More »SEARCH RESULT
कार्टून विवाद के सबक- सुनील
जनसत्ता 30 मई, 2012: एनसीइआरटी की ग्यारहवीं कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक के जिस कार्टून पर विवाद खड़ा हुआ, बात महज उस कार्टून तक रहती तो समझ में आती। लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक झटके में सारे कार्टून हटाने की घोषणा कर दी। छह साल पहले बड़ी मेहनत से तैयार कक्षा नौ से बारह तक की राजनीति शास्त्र की सारी पाठ्यपुस्तकों को वापस लेने का एलान कर दिया। बाकी समाज...
More »पश्चिम बंगाल में पढ़ाई अधूरी छोड़ रहे बच्चे चिंता का कारण: रिपोर्ट
कोलकाता, 28 जून (एजेंसी) एक सर्वेक्षण से पता चला है कि बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के दो साल बाद भी पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में इसका क्रियान्वयन एक चुनौती बना हुआ है। चाइल्ड राइट एंड यू :क्राई: और पश्चिम बंगाल शिक्षा नेटवर्क द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘पश्चिम बंगाल के कई जिलों में व्यापक भूमि सर्वेक्षण के बाद यह पाया...
More »भोजन बर्बाद करने की इज्जत- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
More »हर दस मिनट में एक मां की मौत
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में 2010 में मां बनने के दौरान 56,000 महिलाओं की मौत हुई, जिसका मतलब है कि हर घंटे में छह और हर दस मिनट में ऐसी एक मौत हुई. इस वक्त भारत में प्रति एक लाख जन्मों पर मातृत्व मृत्यु दर 212 है जबकि भारत को सहस्राब्दि विकास लक्ष्य के तहत इस आंकड़े को घटाकर 109 तक लाना...
More »