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बीजिंग का ‘सहयोग न मिलने’ से लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया धीमी हुई, भारत-चीन के बीच बातचीत शुरू

-द प्रिंट, दिप्रिंट को पता चला है कि भारत-चीन सीमा मामलों पर वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत, दोनों देशों के बीच शुक्रवार को एक और राउंड की बातचीत हुई. ये बातचीत उन ख़बरों के बीच हुई कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पीछे हटने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है. सूत्रों के मुताबिक़, शुक्रवार की डब्ल्यूएमसीसी मीटिंग इसलिए हुई कि चीन भारत के साथ ‘पूरा सहयोग...

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मार्च 2021 तक बैंकों का एनपीए पिछले दो दशक में सबसे अधिक होने की आशंका: आरबीआई

-द वायर, बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) तुलनात्मक परिदृश्य के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 12.5 प्रतिशत हो सकती है. यह मार्च 2020 में 8.5 प्रतिशत थी. रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में यह कहा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, बहुत गंभीर दबाव वाले परिदृश्य में सकल एनपीए मार्च 2021 तक 14.7 प्रतिशत तक जा सकता है. इसमें कहा गया है, ‘दबाव परीक्षण यह संकेत देता है कि...

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मक्के की फसल पड़ रही पीली, बाढ़ बढ़ाएगी और मुश्किलें

-डाउन टू अर्थ, मेरे पास कुल डेढ़ बीघा खेत है। खेतों में मक्का लगाया था लेकिन इतनी बारिश हुई है कि पत्ते पीले पड़ गए हैं। शायद ही खेत से कुछ मिल पाए। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पेंट और पॉलिश का काम करते थे, जबसे लौटे हैं तबसे बस चरवाही का काम कर रहे हैं। दो मवेशी हैं उन्हीं के साथ दिन बीत जाता है। कोरोना के डर की वजह...

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“मुझे पता नहीं कि भारत देश कितने दिनों तक इस रास्ते पर चलेगा”: साईबाबा को अरुंधति रॉय का पत्र

-न्यूजलॉन्ड्री, सेवा में, प्रोफेसर जीएन साईबाबा अंडा सेल, नागपुर सेंट्रल जेल नागपुर, महाराष्ट्र प्रिय साई, सबसे पहले मैं माफी मांगती हूं कि मैं अरुंधति लिख रही हूं न कि अंजुम. आपने तीन साल पहले उन्हें खत लिखा था, तो निश्चय ही उसे आपको जवाब देना बनता है लेकिन मैं क्या कह सकती हूं- वाट्सएप और ट्विटर की भागमभाग के इस दौर में भी उसके समय की समझ आपकी-मेरी समझ से बिल्कुल अलग है....

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क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?

साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...

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