भोपाल। किसानों की आत्महत्या के मामले में प्रदेश सरकार ने पहली बार माना है कि फसल खराब होने और कर्ज न चुका पाने की वजह से भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पिछले तीन महीने में प्रदेश में 1761 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें से एक किसान ने फसल खराब होने पर कर्ज न चुका पाने के कारण खुदकुशी की। कुल 106 किसानों ने इस अवधि में अपनी जान दी। सोमवार...
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रकबा घटा तो ईजाद किया नया फॉर्मूला- बीज बोएं आधा, उत्पादन दोगुना
रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। छत्तीसगढ़ समेत देशभर में जहां खेती का रकबा घटने से किसान संकट में हैं, वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने अब किसानों के तनाव को खत्म करने का काम शुरू कर दिया है। इंदिरा गांधी कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने चना बोने की एक ऐसी तकनीकी विकसित कर डाली है, जिससे उतनी ही जमीन पर करीब 40 फीसदी अधिक चने का उत्पादन किया जा सकेगा। साथ ही बीज भी पहले...
More »आस्तियां कैसे बनीं अस्थियां!-- अनिल रघुराज
हम ऋण लेते हैं, तो वह हमारे लिए बोझ या देनदारी होता है. मशहूर कहावत भी है कि अगर हमें बैंक को 100 रुपये लौटाने हैं, तो यह हमारी समस्या है, लेकिन हमें अगर 100 करोड़ लौटाने हैं, तो यह बैंक की समस्या है. दरअसल, बैंक जब ऋण देता है, तब वह उसके लिए आस्ति होती है, क्योंकि मूलधन समेत उस पर मिला ब्याज ही उसकी कमाई का मुख्य जरिया...
More »सामाजिक योजनाओं के जरिए सियासत साधने की कवायद में सरकार
धनंजय प्रताप सिंह/वैभव श्रीधर,भोपाल। बजट के जरिए सियासत साधने की कोशिश हर सरकार करती आई है और आने वाले बजट में ये कोशिश निश्चित तौर पर नजर आने वाली है। 1 मार्च को आने वाले प्रदेश के बजट में सड़क,बिजली,पानी और अधोसंरचना के बजाए सामाजिक योजनाओं के बहाने सोशल इंजीनिरिंग पर ज्यादा फोकस हो सकता है। वैसे इस फार्मूले की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने की थी।लेकिन इसे सही...
More »किसान ने खेत पर बनाया तालाब, मोती कर रहा है पैदा
धामनोद (धार)। राम महाजन। किसान खेती में नित नए प्रयोग करके उसे लाभ का धंधा बनाने का प्रयास कर रहा है। समीपस्थ ग्राम पटलावद के एक किसान ने मोती की खेती की शुरुआत की है। बकायदा प्रशिक्षण लेने के बाद नर्मदा नदी से लाए गए सीप को मन चाहे आकार के मोतियों में ढालने की कोशिश की गई है। किसान इसमें कुछ हद तक सफल भी हुआ है। ऐसे में...
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