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बेलगाम महंगाई के पोषक- विकास नारायण राय

जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...

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क्यो योजना आयोग गैर-जरुरी है- परंजयगुहा ठाकुरता

रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने उद्बोधन में कहा कि उनकी सरकार ने योजना आयोग को समाप्त करने और उसके स्थान पर एक नई संस्था बनाने का निर्णय ले लिया है, जो कि देश के संघीय ढांचे को और मजबूत करेगी। फिलवक्त यह संभव नहीं है कि मार्च 1950 में पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित योजना आयोग के मौजूदा स्वरूप और नए प्रस्तावित संस्थान के बीच हम तुलना...

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कई जरूरी मुद्दों का जिक्र तक नहीं हुआ!- उर्मिलेश

भाजपा के समर्थक ही नहीं, अनेक गैर-भाजपाई लोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के भाषण की तारीफ करते मिल रहे हैं. उनमें ज्यादातर इस बात की तारीफ कर रहे हैं कि उनका भाषण लिखा हुआ नहीं था, उसमें अद्भुत जोश था, जमीनी-अनुभवों की रोशनी थी, बड़े वायदे नहीं किये पर जो बातें कहीं, वे बहुत सारगर्भित थीं. बुलेट-प्रूफ कांच की दीवार के बगैर भाषण देने के उनके बेखौफ...

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यूपी में बाढ़ से मचा हाहाकार, 13 और की मौत

नेपाल की नदियों से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ से यूपी में हाहाकार मच गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 13 और लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में श्रावस्ती में 8, बलरामपुर में 2, बाराबंकी में 2,लखीमपुर खीरी में एक लोग शामिल हैं। प्रदेश में बाढ़ से अब तक 41 लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं।...

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कुशासन और सुशासन का मेल - प्रदीप सिंह

बीस साल बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार एक मंच पर। कुशासन और सुशासन का मेल! क्या ऐसा हो सकता है? शायद इसीलिए राजनीति को संभावनाओं का खेल कहते हैं। राजनीति में वह भी संभव हो जाता है, जो जीवन के दूसरे हिस्सों में असंभव लगता है। सवाल यह नहीं है कि कौन किससे मिला। सवाल इस बात का है कि इस मेल का नतीजा (चुनाव परिणाम की बात...

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