सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में शिक्षा के अधिकार कानून की वैधानिकता बरकरार रखते हुए देश के हर गरीब बच्चे की उम्मीदें जगाई हैं। शिक्षा के अधिकार को पूरी तरह से कामयाब बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से 65 प्रतिशत केंद्र और 35 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन करेंगी। जिस देश में छह से चौदह वर्ष तक की उम्र के...
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कृष्ण और सुदामा के नए रिश्ते- राजकिशोर
अमीरों और गरीबों के बच्चे पहले भी साथ-साथ पढ़ते थे। इसका सबसे मशहूर उदाहरण कृष्ण और सुदामा की जोड़ी है। कृष्ण राजकुल के थे और सुदामा एक गरीब ब्राह्मण की संतान। दोनों के प्रति गुरु तथा गुरुकुल के अन्य संवासियों के व्यवहार में कुछ अलग अलगपन था या नहीं, इसके विवरण आज उपलब्ध नहीं हैं। पर यह जरूर प्रसिद्ध है कि कृष्ण और सुदामा के बीच गजब की दोस्ती थी। किसी अन्य अमीर...
More »मिड दे मील में विषाक्त भोजन खाकर 19 बच्चे बीमार
बिहार के बांका में मंगलवार को विषाक्त भोजन खाने से एक स्कूल के 19 बच्चे बीमार पड़ गये. बांका जिले में अमरपुर थाना अंतर्गत विशंभर चक गांव में विषाक्त भोजन खाने के कारण सरकारी प्राथमिक विद्यालय के 19 बच्चे बीमार पड़ गये. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विशंभर चक गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय में दोपहर का भोजन (एमडीएम) खाने के बाद उल्टी और दस्त की शिकायत होने पर बच्चों...
More »आरटीई बोझ को छात्रों पर नहीं लादा जाएगा : सिब्बल
नई दिल्ली : शिक्षा के अधिकार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के साथ ही सरकार ने आज इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि इसे लागू करने के लिए निजी स्कूलों को जो बोझ उठाना पडेगा उसे छात्रों पर डाल दिया जाएगा. आरटीई अधिनियम के तहत स्कूलों को आर्थिक रुप से पिछडे 25 प्रतिशत तक के छह वर्ष से 14 वर्ष तक की उम्र के छात्रों...
More »सोनकब्र!- हिमांशु वाजपेयी की रिपोर्ट(तहलका ,हिन्दी)
उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के कई गांव एक महीने के भीतर 100 से भी ज्यादा बच्चों की मौत देख चुके हैं, लेकिन शासन यह मानने के लिए तैयार नहीं. और जाहिर सी बात है कि जब मानेगा ही नहीं तो कुछ करेगा भी क्यों? हिमांशु बाजपेयी की रिपोर्ट सोनभद्र में हालात उससे कहीं ज्यादा बुरे हैं जितना सोचकर आप लखनऊ या दिल्ली से यहां आते हैं. महज कुछ घंटे यहां गुजारने...
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