चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
More »SEARCH RESULT
40 धड़कनें थम गई पर नहीं धड़की मिल
भागलपुर [आशीष]। साल-दर-साल भूख और बदहाली का दंश झेल रहे बिहार स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के मुरझाए चेहरों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिल को दोबारा खोलने की घोषणा भी मुस्कान नहीं लौटा सकी। सपनों को पल-पल टूटते हुए देखने वाले ये मिल कर्मचारी अब भगवान से मौत की मुराद मांग रहे हैं। मौत के लिए मनुहार करने वाले कर्मचारियों का तर्क है कि रोज-रोज मरने से अच्छा...
More »बढ़ रहा है जनता में जनाक्रोश
नई दिल्ली [उमेश चतुर्वेदी]। महंगाई की आग के खिलाफ पाच जुलाई के भारत बंद पर कारपोरेट तरीके से मूल्याकन के जरिए भले ही लाख सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन यह सच है कि इस बंद ने महंगाई की आग से झुलस रहे अधिसंख्य भारतीयों के गुस्से और क्षोभ को ही अभिव्यक्ति दी है। इस क्षोभ और गुस्से का महत्व इसलिए कम नहीं हो जाता कि इससे तेरह हजार या बीस...
More »घर नहीं पर कहे जाते अमीर
इंद्रपुरी [रोहतास, निज प्रतिनिधि]। 'न जीने की ताकत न आती है मौत, जिंदगानी तलवार दुधारी बाबू जी, पूरी पीढ़ी खप गई बयाज चुकान में, फिर भी कायम रहीं उधारी बाबू जी'। कविता किरण की यह पंक्तियां गुमनाम भुईया टोले की स्थिति को चरितार्थ कर रही है। दुधमी डिहरी भुईया टोली के अधिकांश महादलित गरीबी रेखा से ऊपर है। जबकि इनके पास न घर बनाने, न खेती करने की जमीन है।...
More »प्रमंडल को पोषाहार के लिए मिले 69 करोड़
मुजफ्फरपुर। राज्य योजना मद से राज्यांश के रूप में बाल विकास परियोजनाओं के तहत तिरहुत प्रमंडल को पोषाहार के लिए करीब 69.43 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए मिले हैं। बिहार सरकार समाज कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव आरएल रविदास ने आयुक्त एसएम राजू को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दी है। उन्होंने उल्लेख किया है कि इसके तहत मुजफ्फरपुर को 19.5, सीतामढ़ी को 14.49, पश्चिमी चंपारण 11.24,...
More »