उच्चतम न्यायालय के हाल के कुछ निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है कि अदालतों को नीतिगत मामलों पर फैसला करने का हक है या नहीं। कई राजनीतिक दल न्यायपालिका की सीमा तय करने के लिए संसद में बहस कराना चाहते हैं। इस मुद्दे पर 14वीं लोकसभा में भी बहस हो चुकी है और उसमें संसद को सर्वोपरि माना गया था। परंतु न्यायालय को समीक्षा का अधिकार है,...
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असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
More »जहरीली मक्का पर सरकार मौन : ए. जयजीत
भोपाल. बीटी बैंगन को घातक बताकर जोरदार विरोध करने वाली राज्य सरकार ने अब ‘जहरीले’ मक्के के प्रदेश में होने वाले फील्ड ट्रायल पर चुप्पी साध ली है,जबकि केंद्र ने ट्रायल का फैसला राज्यों पर छोड़ रखा है। वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) मक्के के फील्ड ट्रायल से मक्के की अन्य फसलें हमेशा के लिए प्रदूषित हो सकती हैं। इसी आधार पर बिहार सरकार ने अपने यहां...
More »राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी
सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...
More »आदिवासियों को वन भूमि का पट्टा, विपक्ष का बहिर्गमन
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को मुख्य विपक्षी दल काग्रेस ने वन भूमि में काबिज वन वासियों को वन भूमि पर भू अधिकार देने के लिए गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया और सदन से बहिर्गमन कर दिया। विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान काग्रेस के सदस्य अग्नि चंद्राकर ने महासमुंद जिले में वन भूमि पर भू अधिकार पत्र के लिए आवेदनों पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया। चंद्राकर...
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