विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
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पवार की भी नहीं चली नैफेड बोर्ड के आगे
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। केंद्रीय कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार राजनीतिक रूप से चाहे जितने ताकतवर हों, लेकिन उन्हें अपने मंत्रालय के अधीन कृषि सहकारी संगठन नैफेड के बोर्ड के आगे हार माननी पड़ी। गंभीर विवादों के बीच जिस प्रबंध निदेशक [एमडी] को नैफेड बोर्ड ने हटा दिया है, पवार के हस्तक्षेप के बाद भी उसकी बहाली नहीं हो पा रही है। पवार के जूनियर केंद्रीय मंत्री केवी. थॉमस...
More »40 साल से अटका पड़ा है लोकपाल बिल
नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक पिछले 40 साल से संसद में पारित नहीं हो सका है और राजनीतिक पार्टियां इसके लिए एक दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं। कर्नाटक के मशहूर लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े द्वारा वहां की सरकार पर भ्रष्टाचार से लड़ाई के लिए बनी संस्था के साथ सहयोग नहीं करने के मुद्दे पर इस्तीफा देने से एक बार फिर यह विधेयक सुर्खियों में आया है। लोकसभा में आठ बार के...
More »बड़े पत्रकार, बड़े दलाल
पद्मश्री बरखा दत्त और वीर सांघवी. दो ऐसे नाम, जिन्होंने अंग्रेज़ी पत्रकारिता की दुनिया पर सालों से मठाधीशों की तरह क़ब्ज़ा कर रखा है. आज वे दोनों सत्ता के दलालों के तौर पर भी जाने जा रहे हैं. बरखा दत्त और वीर सांघवी की ओछी कारगुज़ारियों के ज़रिए पत्रकारिता, सत्ता, नौकरशाह एवं कॉरपोरेट जगत का एक ख़तरनाक और घिनौना गठजोड़ सामने आया है. देश की जनता हैरान है कि एनडीटीवी...
More »बटाईदारी कानून बर्दाश्त नहीं
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के दावों को खारिज करते हुए करीब आठ घंटे तक चली किसान की महापंचायत में उपस्थित विभिन्न दलों के दिग्गज नेताओं ने रविवार को प्रदेश में किसी भी कीमत पर बटाईदारी कानून बनने नहीं देने का संकल्प लिया। इन नेताओं ने कहा कि बटाईदारी कानून लागू हुआ तो सूबे में वर्षो से जमीन मालिक और बटाईदारों के बीच चला आ रहा सामाजिक सौहार्द का वातावरण समाप्त हो जायेगा और...
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