स्पेनी में एक कहावत है, ‘माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए।’ मैक्सिको के कानकुन शहर में हुए जलवायु सम्मेलन से लौट रहे 194 देशों के मंत्री शायद इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए सम्मेलन में हुए समझौतों की तारीफ़ कर रहे हैं। सम्मेलन के मेज़बान मैक्सिको के राष्ट्रपति फ़िलीपे काल्डिरोन ने कहा कि इस सम्मेलन ने विश्व के नेताओं के लिए धरती को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के...
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विफलता का दूसरा चक्र कानकुन- महेश राठी
संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों की शुरुआत जहां दुनिया भर के राजनेताओं, पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों के लिए पिघलते हुए ग्लेशियर, जलस्तर बढ़ते महासागरों, धसकते पहाड़ों, बदलते मौसम और गर्म होती धरती की चिंताओं का केंद्र थी, वहीं कोपेनहेगन और कानकुन तक पंहुचते यह चिंता विकसित दुनिया के हितों को साधने की कूटनीतिक चालों को पूरा करने के साधन स्थलों में बदल चुकी थी। अंततोगत्वा इस नीले ग्रह को बचाने...
More »अनुत्तरित रहा पर्यावरण का प्रश्न- सुनीता नारायण
इसमें कोई संदेह नहीं कि कानकुन बैठक से दुनिया के देशों को बहुत कम उम्मीद थी और नतीजा भी ठीक वैसा ही रहा। कोपेनहेगन बैठक में शेष विश्व और औद्योगिक देशों के बीच जिन बिंदुओं को लेकर तकरार थी उनका कोई समाधान नहीं निकला। अब चर्चा का बिंदु इस पर है कि किसे कितना ज्यादा प्रदूषण फैलाने का अधिकार है अथवा होना चाहिए। आर्थिक लाभ और पर्यावरण संतुलन को लेकर पूरा विश्व...
More »CFL बल्ब : केरल के बचाये 2,000 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली: एक पैसा बचाने का अर्थ है एक पैसा कमना- इस कहावत को पैमाना बनाए तो केरल सरकार बिजली क्षेत्र में 100 करोड़ रुपए से कम खर्च से वह फ़ायदा हासिल करने जा रही जो राज्य को 2000 करोड़ से अधिक के निवेश से हासिल होता. पूरे प्रदेश में बिजली की बचत करने वाले सीएफ़एल बल्ब लगाने के केरल सरकार के अभियान से उर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि...
More »कार्बन उत्सर्जन में भारत और चीन सबसे आगे
लंदन. विकसित देशों को राहत देते हुए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशे भारत और चीन हैं। कथित तौर पर कार्बन का भारी उत्सर्जन करने वाले पश्चिमी देशों की बजाय भारत और चीन पर यह ठीकरा फोड़ा गया है। डच की पर्यावरण रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित देशों की तुलना में इन दोनों देशों के कार्बन उत्सर्जन को कम करने...
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