मल्लियां (बरनाला)। संगरूर से 14-15 किलोमीटर दूर बरनाला का छोटा सा गांव मल्लियां। यहां कैंसर से तीन मौतें हो चुकी हैं। दो पीड़ित हैं। कीटनाशकों के इस्तेमाल से पैदा होने वाली सब्जियां इन मौतों का कारण थीं। लेकिन, 170 घरों वाले इस गांव में पिछले चार वर्षों में कैंसर का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। ऐसा संभव हो पाया यहां की महिलाओं के कारण। जो अपनों को इस...
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आलू की कालाबाजारी रोकने के लिए छापामार कार्रवाई की तैयारी
रायपुर(व्याप्र)। आलू इन दिनों पूरी तरह से मुनाफाखोरों के हाथों में चला गया है। आलू की कालाबाजारी रोकने के लिए अब जिला प्रशासन छापा मार कार्रवाई करने की तैयारी में है। कारोबारी सूत्रों का कहना है कि मुनाफाखोरों द्वारा मिलकर आलू के भाव तय किए जा रहे हैं तथा इनकी सप्लाई भी उनके कहने के अनुसार ही होती है। इनके अलावा बहुत से कारोबारियों के पास अभी भी माल न आने...
More »थोक मुल्यवृद्धि 5 साल के निम्न स्तर पर
नयी दिल्ली : कल ही खुदरा महंगाई दरों में गिरावट की खुशखबरी आयी है उसके एक दिन बाद ही थोक महंगाई दरों में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट से आम जनता ने राहत की सांस ली है. सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच साल के न्यूनतम स्तर 2.38 पर आ गयी. थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 3.74 प्रतिशत थी जबकि एक साल पहले सितंबर 2013 में...
More »बेलगाम महंगाई के पोषक- विकास नारायण राय
जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...
More »खाने-पीने की चीजों की महंगाई कम करने में विफल रही सरकार
नई दिल्ली। आलू और टमाटर जैसी सब्जियों के साथ-साथ खाने-पीने की लगभग तमाम चीजों के दाम बढ़ने का सिलसिला जारी है। इनकी कीमतें कम करने के लिए निर्यात पर अंकुश लगाने और जमाखोरी पर लागम कसने जैसे उपाय किए गए, लेकिन अब तक उनका असर नहीं नजर आया। जून की शुरुआत से लेकर अब तक टामाटर के भाव चार गुना से ज्यादा बढ़ गए। आलू की कीमत भी डेढ़ गुनी से...
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