SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 153

पाला से बर्बाद हो गईं फसलें

सागर & जिन किसानों ने सिर्फ एक फसल लेने के फेर में खरीफ सीजन में अपने खेत खाली छोड़ दिए थे और रबी फसल के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था उन्हें प्रतिकूल मौसम ने दुखी कर दिया है। रबी सीजन में खेतों में हरियाली की चादर देखकर वे उत्साह से लबरेज थे कि इस बार फसल मालामाल कर देगी तथा कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी,...

More »

विस्थापन

खास बातें-     दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...

More »

किसान अब जाएंगे संसद घेरने

बल्लभगढ़. प्रदेश सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति के विरोध में 30 अगस्त से धरने पर बैठे पांच गांव के किसान अब 11 नवंबर को संसद का घेराव करेंगे। इससे पहले किसानों ने 27 अक्तूबर को जंतर मंतर पर धरना देने का फैसला किया था, लेकिन लोकसभा का शीतकालीन सत्र 9 नवंबर से शुरू होने के मद्देनजर उन्होंने इरादा बदल दिया। संसद घेराव को लेकर किसानों ने तैयारियां तेज...

More »

भूमि अधिग्रहण व मुआवजे वितरण पर किसान भडके

सिरसा। हरियाणा में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ लघु सचिवालय में लंबे समय से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों ने सरकार को आगाह किया है कि यदि उनकी अधिग्रहीत की जा रही भूमि के दाम नहीं बढाये गये तो धरना यथवत् जारी रहेगा। अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सिरसा के सांसद अशोक तंवर ने धरने पर बैठे किसानों से बातचीत की और धरना खत्म करने का आग्रह किया।लेकिन किसान...

More »

हाईब्रिड बीजों से किसानों को 8 करोड़ का नुकसान

रायपुर.हाईब्रिड बीजों के कारण राज्य के किसान एक बार फिर मुसीबत में हैं। प्याज, गोभी और टमाटर के बाद अब धान के हाईब्रिड बीजों ने किसानों की गाढ़ी कमाई पर पानी फेर दिया है। राज्य सरकार ने शुरुआती जांच में धान के पैदावार में 60 प्रतिशत के नुकसान का अनुमान लगाया है। इस साल प्रदेश में 1430 हेक्टेयर में हाईब्रिड बीजों से धान की फसल लगी है। बीज निगम ने किसानों को...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close