नई दिल्ली। मंहगाई में गिरावट आने के बावजूद दैनिक उपभोग की कई वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतें बढऩे से देश का मध्यम वर्ग मुश्किलों का सामना कर रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि दलहनों, तैयार खाद्य पदार्थ, स्नैक्स आदि की कीमतें बढऩे के साथ ही वस्त्र, घर का किराया, शिक्षा और स्वास्थ्य के महंगा होने से मध्यम वर्ग की मुश्किलें बढ़ गई है। उसने कहा कि खुदरा स्तर पर...
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असंभव की सीमाएं तोड़ीं और आज बन गईं रोल माडल-- माधव शर्मा
जयपुर. गांव-देहात से निकली ये महिलाएं आज सामाजिक-आर्थिक बदलाव की कहानियां गढ़ रही हैं। मेहनत और हौसले से इन्होंने न केवल सामाजिक बंधन और रूढ़ियों को ध्वस्त किया बल्कि अपनी आर्थिक तरक्की की राह भी प्रशस्त की। आइये, आपको बदलाव के कुछ ऐसे किरदारों से मिलाते हैं जिन्होंने खुद की ही नहीं बल्कि अपने आस-पास की भी तस्वीर बदल दी। 100-200 रुपए से हुई शुरुआत आज 4-5 लाख रुपए तक...
More »सबके लिए पैसा है, पर किसानों के लिए नहीं - देविंदर शर्मा
मानसून खत्म हो चुका है। 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और देश में फसल वाले ऐसे करीब 39 फीसद इलाके हैं, जहां बिलकुल सूखा है। उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन किसानों के लिए वित्तीय लाभों और ऋण भुगतानों में छूट की श्रंखला की घोषणा करेंगे। इसकी जगह रघुराम राजन ने पिछले हफ्ते व्यावसायिक बैंकों के उधार देने की ब्याज दरों में काफी कटौती करने वाली...
More »वैश्विक मंदी का कैसे करें सामना-- भरत झुनझुनवाला
विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी गहरा रही है. ग्रीस के संकट से यूरोप के अंदरूनी हालात के संकेत मिलते हैं. मूल रूप से यूरोप की प्रतिस्पर्धा शक्ति का ह्रास हो रहा है. इसका परिणाम सर्वप्रथम ग्रीस जैसे कमजोर देश में प्रकट हुआ है. चीन भी संकट में है. वर्तमान में अमेरिका और यूरोप के बाजार ठंडे पड़ने लगे हैं. फलस्वरूप चीन के निर्यात दबाव में आ गये हैं. चीन को मजबूरन...
More »बोले राजन, महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य पर की ब्याज दरो में कटौती
अल्पकालिक नीतिगत दरों में आधी फीसदी की अप्रत्याशित कटौती कर सभी को आश्चर्यचकित करने वाले रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि दीर्घकाल तक महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए जो सबसे बेहतर हो सकता था किया गया है। राजन ने एक साक्षात्कार में कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए जो सकारात्मक हो सकता था हमने किया है। हम अभी ऐसी परिस्थितियों...
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