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कोविड: तीन राज्यों में आधिकारिक आंकड़े से 3.5 लाख ज़्यादा मौतें, मुआवज़ा पाना टेढ़ी खीर

-द वायर, पिछले साल, जिस समय नोवेल कोरोना वायरस ने मूल से कहीं ज्यादा घातक रूप अख्तियार कर लिया था- जिसने भारत में कोविड-19 की दूसरी प्रचंड लहर को जन्म दिया- उसी समय श्रवण सिंह खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने घर आ गए. सिंह को लगा कि तमिलनाडु की तुलना में, जहां वे काम करते थे, राजस्थान के सीकर में उनके कोरोना से बचने की संभावना कहीं ज्यादा है. धोद स्थित...

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नए भारत में पनपते अंधविश्वास आधारित अपराध

-कारवां, “हमे नहीं पता कि क्या हुआ है!” आदिवासी कार्यकर्ता और पेशे से डॉक्टर अभय ओहरी रतलाम, मध्य प्रदेश में जय आदिवासी युवा शक्ति नाम का एक आदिवासी युवा संगठन चलाते हैं. एक दिन उन्हें संगठन के एक कार्यकर्ता का फोन आया, जिसने घबराई हुई आवाज में उन्हें जल्द से जल्द रतलाम जिला अस्पताल पहुंचने के लिए कहा. उन्हें बताया गया कि “राजाराम खादरी का शव यहां है. वो मर चुका है....

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भारत को उम्मीद है कि 2030 तक सभी प्राथमिक और लोअर सेकेंडरी स्कूली बच्चे शिक्षित हो जाएंगे: यूनेस्को रिपोर्ट

-द प्रिंट, भारत को उम्मीद है कि 2030 तक सभी के लिए ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ के सतत विकास लक्ष्य -4 (एसडीजी) पर नज़र रखने वाली यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक प्राथमिक और लोअर सेकेंडरी स्तर के सभी बच्चे शिक्षित हो जाएंगे. 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर पेरिस में जारी वैश्विक शिक्षा मॉनिटरिंग रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ. लेकिन ये लक्ष्य उस महामारी के लिये उत्तरदायी नहीं हैं, जिसने...

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राष्ट्रीय बालिका दिवस : लड़कियों को अब मिल रहे हैं अधिकार, पर क्या सशक्त हुईं बेटियां?

-न्यूजक्लिक, भारत के इतिहास में 24 जनवरी का दिन महिला शक्ति और सशक्तिकरण के लिए याद किया जाता है। इस दिन साल 1966 में 24 जनवरी को इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। और आज ही के दिन साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने पहली बार देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत की थी। लड़कियों को समर्पित ये दिन...

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बजट में खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में हो सकती है कटौती, इस साल इसके पांच लाख करोड़ से अधिक रहने की संभावना

-रूरल वॉइस, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब एक फरवरी को आगामी वित्त वर्ष 2022-23 का बजट संसद में पेश करेंगी तो उनके सामने खाद्य और उर्वरक सब्सिडी का ट्रेंड बदलने का संकेत देने की चुनौती होगी। चालू वित्त वर्ष में राजनीतिक फायदे के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फ्री अनाज का आवंटन मार्च तक जारी रखने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों और उनके कच्चे माल की कीमतों में...

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