वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...
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किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा
गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...
More »बाज आएं जातिवाद की सियासत से- संजय गुप्त
जातिगत जनगणना के आंकड़ों की आड़ में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह स्पष्ट करके अच्छा किया कि राज्यों को ये आंकड़े पहले ही भेजे जा चुके हैं और वे जातियों-उपजातियों, गोत्रों आदि के असमंजस को दूर कर दें तो फिर तर्कसंगत वर्गीकरण का काम शुरू हो। यह काम 'नीति आयोग" की एक समिति करेगी और फिर जातिवार आंकड़ों को देश के सामने लाया जाएगा। 2011 की जनगणना...
More »गांव और गरीब की चिंता कब?- अश्विनी महाजन
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आर्थिक, सामाजिक गणना के आंकड़े हाल ही में प्रकाशित किये गये हैं. ये आंकड़े भारत में गरीबों की वर्तमान दुर्दशा की कहानी बयान कर रहे हैं. चिंता का विषय केवल यह नहीं है कि गरीबों की हालत खराब है, बल्कि वह पहले से तेज गति से बदतर होती जा रही है. गौरतलब है कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ही ये...
More »मजहबी तालीम से आगे बढ़ें मदरसे - तुफैल अहमद
पिछले दशकों के आंकड़े गवाह हैं कि मदरसों में पढ़ने वाले भारतीय मुसलमान भौतिकशास्त्री, अर्थशास्त्री, चार्टर्ड एकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर और यहां तक कि राजनीतिज्ञ भी नहीं बन पाते। मदरसे मुस्लिमों को सार्वजनिक जीवन से बाहर रखने के कारक बन जाते हैं। हां, कुछ मदरसों के छात्र आधुनिक पेशे में प्रवेश पा लेते हैं, लेकिन इसमें मदरसों की भूमिका नहीं है, बल्कि यह उनका व्यक्तिगत सद्प्रयास है। इस बात के भी...
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