जनसत्ता 26 जून, 2013: उत्तराखंड में आई भारी विपदा पर लिखने बैठा, तो एकाएक बाबा नागार्जुन याद आ गए, अपनी एक कविता के जरिए- ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/ पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/ किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/ कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/ सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/ मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/...
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झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना पर जन आयोग रिपोर्ट जारी- एनएपीएम
मुंबई, जून २४: न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. न . देशमुख, उच्च न्यायलय, औरंगाबाद के द्वारा झोपर्पत्ति पुनर्वास योजना पर जन आयोग रिपोर्ट आज लोकार्पित किया गया| योजना में शामिल कुछ हजार झुग्गीवासियो के द्वारा की गयी अनियमितता की शिकायतों पर पूर्ण जाँच के लिए इस इस आयोग का गठन जन आन्दोलनो के राष्ट्रीय समन्वय द्वारा किया गया था| आयोग का गठन इसलिए भी किया गया क्योंकि महाराष्ट्र सरकार न्यायमूर्ति सुरेश...
More »सूचना अधिकार की नजर- कनक तिवारी
जनसत्ता 17 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग के ताजा निर्णय के कारण राजनीतिक पार्टियों में खलबली मच गई है। आयोग का फैसला राजनीतिक पार्टियों की पीठ पर कोड़ा मारता दिखा, लेकिन उसे दलों ने पेट पर लात मारने की शक्ल में माना और अपनी जगहंसाई कराई। आयोग के सामने प्रश्न था कि क्या सूचनाधिकार अधिनियम की धारा 2 (ज) के अनुसार राजनीतिक दलों को लोक प्राधिकारी (पब्लिक अथॉरिटी) माना जा...
More »कम वेतन में अधिक काम के बोझ से दबे थे मारुति कर्मी
चंडीगढ़ [जागरण ब्यूरो]। गुड़गांव के मानेसर स्थित मारुति सुजुकी प्लांट में पिछले साल जुलाई में हुई हिंसा प्रबंधन की ही साजिश का हिस्सा थी। मारुति कर्मियों और प्रबंधन के बीच आक्रोश की चिंगारी कई सालों से सुलग रही थी। मारुति कर्मचारियों को कम वेतन देकर उनसे रोबोट की तरह अधिक काम लिया जा रहा था। मारुति वर्कर इस स्थिति पर बार-बार मैनेजमेंट से बातचीत करना चाहते थे, लेकिन उनकी बात...
More »आतंक के मुकदमे झेल रहे निर्दोष मुसलमानों की स्थिति पर केंद्रित प्रेस कांफ्रेंस और पैनल डिस्कसन
Gulail, a newly launched investigative journalism portal by intrepid investigative journalist, Ashish Khetan, will release internal documents from more than half a dozen anti-terror agencies that show that the State has been knowingly prosecuting innocent Muslims for terror cases and keeping the evidence of their innocence from the courts. Gulail investigated three terror cases-the 7/11 train blasts, the Pune German Bakery blast and the 2006 Malegaon blasts-and found that twenty one...
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