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तेरह राज्यों के 75 फीसद परिवारों ने कहा - 'भ्रष्टाचार बढ़ा है' !

अगर जानना चाहते हों कि ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' का वादा किस मुकाम तक पहुंचा है तो फिर सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) की एक नई रिपोर्ट आपके बड़े काम की साबित हो सकती है. भ्रष्टाचार-मुक्त पारदर्शी शासन देने के वादे से बनी मोदी सरकार अपने शासन के चार साल पूरे कर रही है और सीएमएस की रिपोर्ट के तथ्य उसके लिए बुरी खबर लेकर आये हैं.   रिपोर्ट के मुताबिक देश के...

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विश्व बैंक की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की तारीफ

अनिल मिश्रा, रायपुर। विश्व बैंक की हाल ही में रिलीज हुई सालाना रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की प्रशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्रयोग से लीकेज कम करने में सफलता हासिल की है। 2005 में पीडीएस में लीकेज 52 फीसद था जो 2012 में घटकर नौ फीसद रह गया। विश्व बैंक की 2019 की रिपोर्ट-चेंजिंग...

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गरीबी का दंश, सिर छिपाने को झोपड़ी, स्ट्रीट लाइट में पढ़ाई

धमतरी। सरकार छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती है। इसके बावजूद होनहार छात्र झोपड़ी में रहकर स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई-लिखाई करने मजबूर हैं। बमुश्किल दो वक्त का खाना मिल पाता है। कई बार तो रात में भूखा सोना पड़ता है। ग्राम पंचायत डोमा में निवासरत शत्रुघन सोनवानी और उसके चार बच्चे की यही दास्तान है, जो शासन-प्रशासन की योजनाओं को मुंह चिढ़ाती...

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सरकारी राशन की दुकानों से गरीबों को अब मिलेगा मड़ुआ, सावां आैर कोदो

नयी दिल्ली : सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये ज्वार, बाजरा तथा अन्य पोषक मोटे अनाजों को वितरित करने का फैसला किया है. आधिकारिक आदेश के मुताबिक, गरीबों को पोषण सुरक्षा उपलब्ध कराने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है. खाद्य कानून के तहत सरकार राशन की दुकानों के जरिये देश की 81 करोड़ जनता को गेहूं, चावल जैसे खाद्यान्नों को भारी सब्सिडी के साथ एक से तीन रुपये...

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जल संकट के लिए तैयार रहें-- आशुतोष चतुर्वेदी

र्मी शुरू हो गयी है. हम सब जानते हैं कि हर साल की तरह हमारे गांव, कस्बे और शहर पानी की कमी से जूझेंगे. लेकिन, इस विषय में हम तभी सोचते हैं, जब समस्या हमारे सिर पर आ खड़ी होती है. न तो सरकारों की ओर से कोई ठोस पहल होती है और न ही समाज की ओर से कोई अभियान छेड़ा जाता है. समस्या केवल कम बारिश की नहीं...

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