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सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश

ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...

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भारत के भविष्य निर्माता हैं खनिज व्यवसायी : नरेंद्रसिंह तोमर

रायपुर। खनिज क्षेत्र के समूचित विकास और खनन की सुदृढ़ नीति तय करने के मकसद से राजधानी रायपुर में सोमवार को नेशनल कॉन्क्लेव ऑफ माइंस एण्ड मिनरल्स की शुरूआत हुई। इस आयोजन में केंद्रीय खनिज एवं उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित देशभर के खनिज व्यवसायी शामिल हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली भी शिरकत करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के चलते...

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टॉपर घोटाले से जुड़े किंतु-परंतु: एनके सिंह

जो छात्र या छात्रा अपने विषय का उच्चारण भी ठीक से न कर पाए, फिर भी वह बिहार बोर्ड में टॉप कर जाए तो यह शिक्षा में भ्रष्टाचार को संस्थागत दर्जा दिलाने, सिस्टम की असफलता और गवर्नेंस में पैदा हुई सड़ांध की ओर इंगित करता है। इस टॉपर घोटाले में अगर किसी स्कूल के मालिक बच्चा राय के साथ बिहार बोर्ड का अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह भी आकंठ डूबा हो, तो...

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लोगों को हुनर सिखाकर बदल सकते हैं समाज-- दशरथ सूर्यवंशी

बरसों से जलसंकट से जूझ रहे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अंचल के उदगीर जिले के रावणकोल में पलते-बढ़ते समय एक अलग ही तरह का सामाजिक बदलाव मेरी नज़र में आया। जल-संकट के कारण उजड़ती खेती के साथ उजड़ते गांव। लोग आजीविका की तलाश में शहर चले जाते। परिवार बिखरते। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खेती और ग्रामीण व्यवस्था ही नहीं बदल रही है बल्कि सामाजिक मेल-जोल व एकजुटता खत्म हो रही है, क्योंकि घट...

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बस्तर के स्कूलों में लौटने लगे हैं शिक्षक-- शुंभ्रांशु चौधरी

के. रमेश सरकारी शिक्षक हैं पर बीते छह साल से यानी जब से उनकी नौकरी लगी है वे अपने स्कूल नहीं जाते थे. हालांकि उनको महीने में 21,000 रूपये की तनख्वाह मिलती है. बस्तर में ऐसे सैकड़ों के. रमेश हैं जो झंडा शिक्षक के नाम से जाने जाते हैं. ये लोग 15 अगस्त और 26 जनवरी को अपने स्कूल में राष्ट्रीय झंडा फहराने जाते हैं. उनके झंडा फहराने के बाद नक्सली...

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