आज देशभर में एक चर्चा ने फिर से तेजी पकड़ ली है। चर्चा का विषय है समान नागरिक संहिता। देश में यह मुद्दा नया नहीं है। इसका लंबा इतिहास है। अनेक लोग समान नागरिक संहिता को भारतीय जनता पार्टी का आविष्कार समझते हैं, पर उन्हें यह जानकर हैरानी होगी कि समान नागरिक संहिता का सबसे पहला जिक्र 1928 में नेहरू रिपोर्ट में मिलता है। यह रिपोर्ट भारत के संविधान का...
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मासूमों के बचपन को बचाने के लिए-- सुभाष गाताडे
पिछले दिनों दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण ने न्यायालय को बताया कि महानगर की विभिन्न अदालतों में बच्चों से अत्याचार और उनके यौन शोषण के 4,000 से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। उच्च न्यायालय में एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि वर्ष 2016 के शुरुआती सात महीनों में सिर्फ 449 मामलों का निपटारा हुआ और 83 लोगों पर दोष साबित हुए। याचिका डालने वाले ‘बचपन...
More »अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...
More »बंधुआ मजदूरी व यौन शोषण के चलते महिलाओं की तस्करी बढ़ी
केस एकः शादी का झांसा सिंगरौली में 19 वर्षीय युवती को पड़ोसी सुनीता ने कोलकाता में शादी कराने और उसकी चार बहनों व एक भाई को साथ रखने का झांसा दिया। शादी के लिए जिस युवक का परिचय कराया, वह 11 सितंबर को सिंगरौली पहुंचा और लड़की को उसके बहन-भाई सहित एक होटल ले गया। समय रहते लड़की को शक हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंची। पुलिस की कार्रवाई...
More »किसानों के लिए कसना होगी कमर- मृणाल पांडे
मृणाल पांडे। किसान से लेकर सरकार और बाजार तक इस बार खुश हैं कि मानसून अच्छा है। किंतु किसानी का भविष्य एक ही अच्छे मानसून से आमूलचूल नहीं सुधर सकता। खेतिहरों के जीवन में लगातार विकास के लिए स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, अनाज का बेहतर विपणन-भंडारण, मुनाफे के सही निवेश से जुड़ी कई तरह की मदद भी जरूरी होती है। किसानी को लाभ का सौदा बनाने की जिम्मेदारी आखिरकार राज्य...
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