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तोता-मैना को निगल रही ग्लोबल वार्मिग

मुजफ्फरपुर [सुजीत कुमार]। लोक कहानियों के महत्वपूर्ण पक्षी पात्र तोता और मैना अब कविता-कहानियों में ही मिलेंगे। ग्लोबल वार्मिग जिन पक्षियों की प्रजाति को निगल रही है, उनमें तोता पहले नंबर पर है। कौवा दूसरे नंबर और घरों में फुदकने वाली मैना तीसरे नंबर पर है। ग्रीन गैस हाउस के बढ़ते प्रभावों ने तोता-मैना जैसे पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर दिया है। खेत-खलिहानों और पेड़-पौधों पर फुदकने वाले ये पक्षी बहुत तेजी से...

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60 फीसद फसल बर्बाद, हजारों आकाश के नीचे

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। तूफान और ओलावृष्टि से हुई बर्बादी का अंदाजा मुश्किल हो रहा है। पश्चिम बंगाल में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 तक पहुंच गया है। जबकि बिहार से किसी अतिरिक्त जनहानि की खबर नहीं है। फसल और संपत्ति के नुकसान का आकलन चल रहा है। बिहार के प्रभावित इलाकों में 60 फीसदी तक फसल नष्ट हो गई है। कमोबेश पश्चिम बंगाल और असम में भी खेती की यही स्थिति है। तूफान...

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तीन सियासतों के बीच में फंसा एक बुंदेलखंड

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में फैला बुंदेलखंड एक क्षेत्र है। पूरा इलाका गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, सूखा, अकाल जैसी समस्याओं से भी समान रूप से जूझ रहा है। लेकिन इस क्षेत्र को इन समस्याओं से मुक्ति देने की कोशिश करने के बजाय सियासी सूरमा अपनी-अपनी सियासत चमकाने में लगे हैं। सियासत भी एक तरफा नहीं बल्कि तीन तरफा। यकीन नहीं तो उत्तर प्रदेश के...

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किसानों व कारपोरेट सेक्टर का गठजोड़ जरूरी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने गांवों के विकास के लिए किसानों और कारपोरेट सेक्टर के गठजोड़ पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से कंपनियों और किसानों दोनों को लाभ होगा। वह योजना आयोग के एक समारोह में बोल रही थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल मंदी के बावजूद भारत के कम प्रभावित होने की वजह उसकी ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था रही है,...

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धरती कहे पुकार के

ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...

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