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विकास कार्यो की जांच का जिम्मा निजी एजेंसी को

पटना : सूबे के सात सीमावर्ती जिलों में विकास कार्यो की जांच थर्ड पार्टी द्वारा करायी जायेगी. इससे पहले केंद्र के सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत कार्यो की जांच एडीएम स्तर के अधिकारी करते थे. थर्ड पार्टी कोई निजी या सार्वजनिक कंसल्टेंसी कंपनी हो सकती है. थर्ड पार्टी से जांच कराने का उद्देश्य कार्यो की गुणवत्ता व प्राक्कलन का अनुपालन की सही जानकारी हासिल करना है.  वहीं बेसलाइन सर्वे के आधार पर...

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संपादकीय : विकास बनाम विस्थापन

गुजरात में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने को मिली हरी झंडी निश्चित ही देश में बदले राजनीतिक माहौल का नतीजा है। 2006 में नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर इस परियोजना को पूरी मंजूरी दिलाने के लिए 51 घंटों का उपवास किया था। अब वे प्रधानमंत्री हैं तो नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) ने बांध की ऊंचाई 121.9 मीटर से बढ़ाकर 138.7 मीटर करने की इजाजत दे...

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इन्क्लूसिव मीडिया- यूएनडीपी फैलोशिप 2014 के लिए आवेदन आमंत्रित हैं

इन्कूलिसिव मीडिया-यूएनडीपी फैलोशिप-2014 के लिए पत्रकारों से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में आवेदन आमंत्रित हैं। फैलोशिप के लिए आवेदन विकासशील समाज अध्ययन पीठ( सीएसडीएस) की एक परियोजना इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की ओर से आमंत्रित किए गए हैं। यह फैलोशिप ग्रामीण-संकट/ ग्रामीण-विकास तथा वंचित तबके के मुद्दों पर मीडिया कवरेज बढ़ाने और कवरेज को पैना बनाने के लिए दी जा रही है। फैलोशिप का उद्देश्य लोकतांत्रिक सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देना है, खासकर सशक्तीकरण, भागीदारी और सुशासन(गुड-गवर्नेंस) के जरिए।   इन्कूलिसिव मीडिया फॉर...

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करांजी जलाशय परियोजना से पूरे होंगे सपने

बेड़ो : करांजी जलाशय परियोजना हजारों किसानों के घरों में खुशिया लाएगी और लोगों के सपने पूरे होंगे। ये बातें महत्वाकांक्षी व बहुप्रतीक्षित कराजी बाध व सिंचाई परियोजना की आधारशिला रखते हुए जल संसाधन मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कही। उन्होंने कहा कि यह योजना विधायक बंधु तिर्की के अथक प्रयासों का नतीजा है। विधायक बंधु तिर्की ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि करांजी बाध के निर्माण की माग 1986...

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सामाजिक न्याय की बलि- अनिल चमड़िया

जनसत्ता 9 जून, 2014 : यह एक तथ्य के रूप में ही नहीं दोहराया जा रहा है कि 1984 के बाद 2014 में ही दिल्ली की गद्दी के लिए किसी एक पार्टी को बहुमत मिला है, बल्कि इसके राजनीतिक आयाम भी अलग नहीं हैं। 1984 में हिंदुत्ववाद के उभार की एक चरम स्थिति थी, जब राजीव गांधी को दो तिहाई बहुमत मिला था। वह राजनीतिक हिंदुत्ववाद सिख-विरोधी हमलों की उपज...

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