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11 महीनों में 141 अमेरिकी बैंक धराशायी

जीं हां दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है। अब जबकि पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से लगभग उबर चुकी है वही अमेरिका में बैंकों के दिवालिया होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बैंकों की ये संख्या बीते साल दिवालिया होने वाले बैंकों की संख्या से भी ज्यादा है। साल 2009 में अमेरिका में 140 बैंक दिवालिया हुए थे। बीती...

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दलित पर अत्याचार में यूपी अव्वल: पुनिया

लखनऊ, जाब्यू : 'यूपी में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। राज्य सरकार कतई संवेदनशील नहीं है। आयोग इस पर चुप बैठने वाला नहीं है। वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना जानता है।' चेतावनी भरे ये शब्द हैं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया के। दो दिन के प्रदेश दौरे के पहले दिन बुधवार को जहां उन्होंने प्रदेश की बसपा सरकार पर निशाना साधने में कोई कोर...

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इन करोड़ों बच्चों का पता कहां मिलेगा ---शिरीष खरे

2001 की जनगणना के ही अलग-अलग आकड़ों के जोड़-घटाव से एक अहम सवाल उभरता है. पहले आंकड़े के मुताबिक देश के 8 करोड़ 50 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते. दूसरे आंकड़े में 5 से14 साल उम्र के एक करोड़ 30 लाख बच्चे मजदूर हैं. अगर 8 करोड़ 50 लाख में से 1 करोड़ 30 लाख को घटा दें, तो सात करोड़ 20 लाख बचते हैं. यह उन बच्चों की संख्या है...

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रोटी की बहस और बहस की जमीन- चंदन श्रीवास्तव

सलाह मिल गयी है. खाद्य-सुरक्षा विधेयक का मसौदा अपनी परिणति तक आ पहुंचा है. लोग जान गये हैं कि यूपीए सरकार ना सही सबको तो भी कम-से-कम 80 फ़ीसदी लोगों को सस्ता अनाज देने जा रही है. लोग खुश हैं या नहीं, कहा नहीं जा सकता. भोजपुरी में एक कहावत है-ये सूरदास घीव कड़कड़ाईल बा और सूरदास का जवाब कि थरिया में पड़ो तब नू. खाद्य-सुरक्षा के मामले में जनता-जनार्दन...

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राजनीतिक हकीकत के छह सूत्र --- योगेन्द्र यादव

तो बिहार में क्या होगा? अगर आप छह दिन बिहार में घूम कर आयें तो दिल्ली में हर कोई इसी सवाल से आपका स्वागत करता है. सवाल के पीछे  चुनावी सटोरिये  की गिद्ध दृष्टि या फ़िर राजनीति के कीड़े की उत्सुकता तो होती ही है. लेकिन बिहार की बात निकलते ही कहीं एक औपनिवेशिक दर्प टपकने लगता है. आप कितना ही कह लीजिये कि राजनीतिक चेतना में बिहार अधिकांश देश से...

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