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न माननीयों की भाषा किसान समझे और न किसानों की भाषा माननीय

बठिंडा. मालवा में खाद और रसायनों के प्रभाव का आकलन करने के लिए दिल्ली से बठिंडा पहुंची सांसदों की कृषि समिति ने कैंसर के कारण तो जाने पर किसानों का दर्द नहीं जान पाई। सांसदों व किसानों के बीच भाषा सबसे बड़ी बाधा रही। सांसद ओडिशा, बंगाल, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु व उत्तरप्रदेश से थे। उन्हें पंजाबी समझ ही नहीं आई। ऐसे में किसान पंजाबी में अपनी पीड़ा बयान करते रहे...

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जानिए आम ने कैसे बदल डाली 900 परिवारों की तकदीर- त्रिलोकी/ गणपत

गुमला. कल तक आर्थिक संकट से जूझ रही गुमला प्रखंड के पसंगा गांव की 50 वर्षीय एतवारी देवी आज खुश है। खुशी की वजह आम की बेहतर पैदावार और उससे मिल रहा लाभ है। एतवारी की तरह गुमला जिले के 900 गरीब आदिवासी महिला पुरुष भी खुश हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति आज सुधर गई है। यह सब संभव हुआ है आम की खेती से। जिले के पालकोट, घाघरा, गुमला व रायडीह...

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उर्वरक पर सब्सिडी का लाभ सीधे किसानों को

चंडीगढ़. हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने राज्य के किसानों को भरोसा दिलाया है कि सरकार ने केंद्र सरकार को सिफारिश कर रखी है कि उर्वरक पर दी जाने वाली सब्सिडी सीधी किसानों को देने दी जाए। यह मामला केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। मुख्यमंत्री गुरुवार को यहां अपने आवास पर कृषि ऋणों पर स्टाम्प ड्यूटी समाप्त करने की खुशी में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों को...

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खाद के मुद्दे पर शिवराज उपवास पर

भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार द्वारा उर्वरकों की कीमतों में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ शुक्रवार को एक दिवसीय 'किसान बचाओ अनुष्ठान' (उपवास) शुरू कर दिया है। शिवराज ने खाद की कीमतों की बढ़ोतरी के खिलाफ 15 जून को 24 घंटे का उपवास रखने का ऐलान किया था। उनकी मांग है कि खाद के दामों में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाए, किसान हितैशी...

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सीखिये रिक्शाचालक बलराम से- उमेश यादव

बलराम जब 17 साल का था तब उसे अपना घर-परिवार छोड़कर कोलकाता जाना पड़ा. पढ़ने-लिखने के उम्र में उसे परिवार चलाने के लिए काम में लगा दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी. साल भर खाने के लिए अन्न नहीं जुटता था. ऐसी बात नहीं थी कि उसके घर में खेतीबारी नहीं थी. पिताजी लघु कृषक थे. आधी से ज्यादा जमीन बंजर थी. जो...

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