Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | न माननीयों की भाषा किसान समझे और न किसानों की भाषा माननीय

न माननीयों की भाषा किसान समझे और न किसानों की भाषा माननीय

Share this article Share this article
published Published on Jun 20, 2012   modified Modified on Jun 20, 2012
बठिंडा. मालवा में खाद और रसायनों के प्रभाव का आकलन करने के लिए दिल्ली से बठिंडा पहुंची सांसदों की कृषि समिति ने कैंसर के कारण तो जाने पर किसानों का दर्द नहीं जान पाई। सांसदों व किसानों के बीच भाषा सबसे बड़ी बाधा रही। सांसद ओडिशा, बंगाल, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु व उत्तरप्रदेश से थे।

उन्हें पंजाबी समझ ही नहीं आई। ऐसे में किसान पंजाबी में अपनी पीड़ा बयान करते रहे और समिति के सदस्य बार-बार हिंदी में बात करो, हिंदी में बात करो.. का आग्रह करते रहे। क्या 14 वर्षीय बच्चा और क्या 50 वर्षीय बुजुर्ग, सभी कैंसर पीड़ित अपनी व्यथा बयान करते वक्त परेशान दिखे।

खास बात यह है कि इस दौरान न तो वहां इलाके की सांसद हरसिमरत कौर बादल मौजूद रहीं और न स्थानीय विधायक जीत महिंद्र सिद्धू। जनता के दोनों प्रतिनिधि संसदीय कृषि समिति को कैंसर पीड़ितों की बात बखूबी बता सकते थे। दौरा करने वाली कृषि समिति संसद के आगामी सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। जो टीम किसानों की बात ही नहीं समझ पाई वह क्या रिपोर्ट पेश करेगी, इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। समिति सदस्यों को कृषि व प्रशासनिक अधिकारी जो बताते रहे, वहीं वह सुनते रहे।

सदस्यों ने कैंसर के कारण जानने की बजाए अत्यधिक कीटनाशकों के इस्तेमाल को ही कैंसर का कारण माना। बठिंडा के जमीनी पानी में यूरेनियम व क्रोमियम, निकल, आर्सेनिक जैसे तत्वों पर विचार ही नहीं किया गया। समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे कार्यकारी चेयरमैन व ओडिशा के सांसद शशि भूषण बहरा ने कहा कि कीटनाशकों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा हो रहा है।

निदेशक को बताया एजेंट : टीम ने जब गांव जज्जल का दौरा किया तो वहां किसानों के साथ जैतो से पहुंचे खेती विरासत मिशन के कार्यकारी निदेशक उमेंद्र दत्त ने बताया कि बीटी कॉटन भी कैंसर का एक कारण है। इस पर समिति सदस्य व उत्तरप्रदेश के सांसद राजपाल सिंह सैनी ने कहा कि मुझे लगता है आप तो किसी कंपनी के एजेंट हो।

इतना सुन उमेंद्र ने चुप रहना ही बेहतर समझा। कैंसर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए आने वाली 31 सांसदों की टीम में से 8 सांसद ही पहुंचे। उनके दौरे का स्थान पहले गांव तुंगवाली निर्धारित किया गया। मात्र 18 घंटे पहले इसे बदलकर गांव बहमा सरजा कर दिया गया। जैसे ही समिति सदस्य गांव महमा सरजा पहुंचे तो कार्यक्रम स्थल को बदलकर गांव से दूर खेतों में तब्दील कर दिया गया। ऐसे में अधिकांश किसान अपनी बात कह ही नहीं पाए।
 

http://www.bhaskar.com/article/PUN-LUD-mps-do-not-understand-the-language-of-farmers-and-farmers-language-hon-3435269.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close