इस बार मॉनसून के सामान्य से कमजोर रहने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है. इसका नकारात्मक असर महंगाई रोकने के प्रयासों पर होगा. मॉनसून पर सरकार का जोर नहीं चलता, लेकिन जब पहले से मालूम हो कि एक संकट की संभावना है, तो उससे निपटने के लिए पहले से उपाय करने होंगे. एक तरफ जहां कृषि उत्पादन में संभावित कमी का पहले से अंदाजा लगा कर समय रहते आयात करके...
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दामोदर की जीवन रेखा को चाहिए जीवन दान- उमा(धनबाद)
-आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम पर संकट के बादल- बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा को नियंत्रित करते हुए जीवन को रोशन करने के मकसद से 66 साल पहले 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आयी आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की जीवन रेखा आज जीवन दान के लिए तरस रही है. 27 मार्च, 1948 को डीवीसी का गठन भारत के संसद...
More »विश्वबैंक का विकासशील देशों में निराशाजनक वृद्धि का अनुमान
वाशिंगटन : विकासशील देश की वृद्धि दर इस साल निराशाजनक रहेगी. यह बात विश्वबैंक ने अपनी वैश्विक आर्थिक संभावना (जीइपी) की रपट में कही जिसमें इस साल विकासशील देशों की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जाहिर किया गया है जबकि जनवरी में 5.3 प्रतिशत वृद्धि की संभावना व्यक्त की गई थी. अपनी ताजातरीन रपट में बैंक ने विकासशील देशों के लिए वृद्धि का अनुमान घटाया है और इस साल उसे...
More »करांजी जलाशय परियोजना से पूरे होंगे सपने
बेड़ो : करांजी जलाशय परियोजना हजारों किसानों के घरों में खुशिया लाएगी और लोगों के सपने पूरे होंगे। ये बातें महत्वाकांक्षी व बहुप्रतीक्षित कराजी बाध व सिंचाई परियोजना की आधारशिला रखते हुए जल संसाधन मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कही। उन्होंने कहा कि यह योजना विधायक बंधु तिर्की के अथक प्रयासों का नतीजा है। विधायक बंधु तिर्की ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि करांजी बाध के निर्माण की माग 1986...
More »अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था- अविनाश कुमार चंचल
दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
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