जनसत्ता 4 जुलाई, 2013: जोसेफ हैलर के प्रसिद्ध उपन्यास ‘कैच ट्वेंटी टू' में किसी नकली बीमारी का बहाना बना कर खुद को युद्धक्षेत्र भेजे जाने से मुक्त कर चुका बमवर्षक यूनिट का पादरी पाता है कि आह, भरोसेमंद तरीके से सचमुच का झूठ बोल जाना कितना सहज है! छाती ठोंक कर वह कहता है कि दरअसल निर्ममता को देशप्रेम और परउत्पीड़न को न्याय का पर्याय बताने वाले सफेद झूठों को...
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गुजरात मॉडल में दलित- सुभाष गाताडे
जनसत्ता 5 जून, 2013: दलितों के अधिकारों की जानकारी हासिल करने के लिए सूचनाधिकार के तहत डाले गए आवेदन पर जानकारी मिलने में कितना वक्त लगता है? यों तो नियत समय में जानकारी मिल जानी चाहिए, मगर आप गुजरात जाएं तो वहां कम से कम तीन साल का वक्त जरूर लग सकता है और वह भी तब जब आप सूचना हासिल करने के लिए राज्य के सूचना आयोग के आयुक्त...
More »मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर किसानों ने लगाया ग्रहण
अहमदाबाद। औद्योगिक विकास के रूप में गुजरात एक ओर देश के समक्ष मॉडल राज्य के रूप में उभर रहा है वहीं, दूसरी ओर खुद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के धालेरा स्थित ड्रीम प्रोजेक्ट स्पेशियल इन्वेस्टमेंट रिजन के खिलाफ 44 गांवों के किसान लामबद्ध हो गए हैं। किसान कहते हैं जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं, पुरखों की जमीन में से एक इंच जमीन सरकार को नहीं देंगे, सरकार ने अपनी नीति...
More »गुजरात मॉडल का सच- कुमार प्रशांत
जनसत्ता 16 अप्रैल, 2013:नरेंद्र मोदी बार-बार प्रशासन की उस शैली की बात कहते रहे जिसे वे गुजरात-मॉडल का नाम देते हैं। क्या है यह गुजरात मॉडल? वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और इस लंबे दौर में एकदम निर्द्वंद्व सत्ता उनके हाथ में रही है। पहले दौर में उनकी प्रशासनिक शैली की एकमात्र उपलब्धि रही कि समाज के अल्पसंख्यकों और असहमत लोगों को डरा-धमका और मार डाल कर एकदम हाशिए...
More »जल संकट पर गुजरात में राजनीतिक माहौल गरमाया
अमदाबाद। गुजरात में विपक्षी दलों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने राज्य के कई इलाकों में पानी की कमी के मसले पर ‘निष्क्रियता\' और ‘कुप्रबंधन\' को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लेकिन गुजरात सरकार इस संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है कि उसने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने की इजाजत नहीं दी और द्वार निर्माण रोक दिया। सरकार का दावा...
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