महीनों की बातचीत के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की सिफारिश कर दी है। यह बिल मुख्य अनाज के लिए आम लोगों के कानूनी अधिकार को पहले सोचे गए स्तर से भी नीचे ला देता है। और इस तरह परिषद ने भूख समाप्त करने के लिए सर्वजनीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से संगठित प्रयास शुरू करने का ऎतिहासिक अवसर खो दिया है। भारत में अनाज...
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शर्मिला चानू की भूख हडताल को एक दशक पूरा हुआ
मणिपुर। मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू की भूख हडताल को आज दस साल पूरे हो गए। वे मणिपुर से विवादित आम्र्ड फोर्सज स्पेशल पावर्स एक्ट (एएफएसपीए) 1958 हटाने की मांग को लेकर भूख हडताल पर है। देश के कुछ ही इलाकों में यह कानून लागू है जिनमें मणिपुर भी है। शर्मिला इस कानून के विरोध में 2000 से अनशन पर है। प्रशासन और सरकार ने उनकी भूख हडताल को तुडवाने के...
More »सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर बने नई खनन नीति- राजेन्द्र अभ्यंकर
वेदांत, पोस्को और सिंधुदुर्ग। इन तीनों मामलों में मुद्दा एक ही है-खनन और संसाधन आधारित उद्योग के लिए एक सुविचारित नीति की आवश्यकता। पिछले दिनों सरकार ने उड़ीसा के पिछड़े कालाहांडी जिले में नियमगिरि पहाडिय़ों पर वेदांत को दी गई खनन की अनुमति वापस लेने का फैसला किया। उधर, उड़ीसा में पोस्को लौह अयस्क परियोजना पर गुप्ता समिति ने एक तरह से विभाजित फैसला दिया। इसके अलावा पश्चिमी घाट क्षेत्र...
More »किसानों से सीधे उत्पाद खरीदेगी भारती-वॉलमार्ट
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। घरेलू कंपनी भारती और अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉल-मार्ट के संयुक्त उपक्रम ने धीरे-धीरे घरेलू थोक बाजार में पांव फैलाने की रणनीति लागू करनी शुरू कर दी है। दोनों कंपनियों ने ज्यादा से ज्यादा किसानों से सीधे कृषि उत्पाद खरीदने की योजना बनाई है। विश्व की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉल-मार्ट के ग्लोबल अध्यक्ष व सीईओ माइक ड्यूक ने भारतीय बाजार के बारे में अपनी योजना पेश करते...
More »राजनीतिक हकीकत के छह सूत्र --- योगेन्द्र यादव
तो बिहार में क्या होगा? अगर आप छह दिन बिहार में घूम कर आयें तो दिल्ली में हर कोई इसी सवाल से आपका स्वागत करता है. सवाल के पीछे चुनावी सटोरिये की गिद्ध दृष्टि या फ़िर राजनीति के कीड़े की उत्सुकता तो होती ही है. लेकिन बिहार की बात निकलते ही कहीं एक औपनिवेशिक दर्प टपकने लगता है. आप कितना ही कह लीजिये कि राजनीतिक चेतना में बिहार अधिकांश देश से...
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