ठीक से हाथ न धोना, गंदे हाथों से ज्यादा नुकसानदेय है, क्योंकि इससे जीवाणुओं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और वे ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने अपने अध्ययन के बाद यह चेतावनी दी है। शोधकर्ताओं की सलाह है कि कम से कम 20 से 30 सेकेंड हाथ धोना चाहिए, जिससे जीवाणु खत्म हो सकें। शोधकर्ताओं के मुताबिक जीवाणुरोधी साबुन अस्पताल में प्रभावी...
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मीडिया की मर्यादा- सुशील कुमार महापात्र
मीडिया की समाज में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया को लोकतांत्रिक व्यवस्था का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी देश और लोगों की समस्याओं को सामने लाने के साथ-साथ सरकार के कामकाज पर नजर रखना भी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में मीडिया की कार्यप्रणाली और रुख पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सवाल यह है कि क्या मीडिया बदल रहा है? क्या मीडिया के नैतिक...
More »कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों का क्षेत्र मार्च में बढऩे के बजाय घटाया - आर एस राणा
कमाल : जब बुवाई प्रगति पर है तो फरवरी के बाद रकबा कैसे घटेगा उलटा मंत्रालय ने मार्च में रकबा घटाकर आंकड़ों में गड़बड़ी की पुलटा या फिर फरवरी के रकबा में हुई गलती सुधारी मार्च में परिणाम खाद्यान्न का उत्पादन 26.32 करोड़ टन होने की उम्मीद धूमिल पैदावार घटने के आसार से दलहन व खाद्य तेलों में तेजी का रुख यह कमाल कृषि मंत्रालय ही कर सकता है। रबी सीजन की बुवाई प्रगति पर है। फरवरी...
More »छत्तीसगढ़ से मोटे चावल की आपूर्ति बाधित होने का अंदेशा
गंभीर समस्या बेमौसम बारिश से भीगे धान के चावल की क्वालिटी खराब लेकिन सरकार क्वालिटी मानकों में रियायत नहीं दे रही मिल संचालकों ने अप्रैल से मिलिंग रोकने का निश्चय किया एमपी व पूर्वी राज्यों में पीडीएस की सप्लाई बाधित होगी अगले महीनों के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत चावल की सप्लाई उन राज्यों में प्रभावित हो सकती है, जहां छत्तीसगढ़ से सप्लाई होती है। फरवरी और मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलों...
More »सरोकार, संस्कृति व पर्यावरण की पहरेदार हैं खूंटी की अमिता- राहुल सिंह टूटी
खूंटी के सेफागड़ा गांव की रहने वाली अमिता टूटी से आप 5-10 मिनट किसी भी विषय पर बात कर लें, तो उनकी गहरी संवेदनशीलता का आपको अहसास हो जायेगा. अपने आसपास व आदिवासी समुदाय के लोगों की परेशानियों और उजड़ते जंगल व पर्यावरण के संकट ने उन्हें जंगल बचाने वाली आंदोलनकारी बना दिया. पिछले आठ-नौ सालों से वे जंगल बचाओ आंदोलन से जुड़ कर वन रक्षा व उसके विस्तार के लिए...
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