दहला देने वाली इन कुछ घटनाओं पर नजर डालें। चार मार्च, 2018 को बिहार के भोजपुर में दुकान पर सामान लेने गई चार साल की बच्ची के साथ एक युवक ने दुष्कर्म कर उसे मारने की धमकी दी। सात मार्च को कोलकाता में कूड़ा बीनने वाली महिला की तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। एक और घटना में सात और दस साल की दो बहनें ट्यूशन से लौट कर...
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‘वयं आधुनिका:’-- मृणाल पांडे
आपको यह जानकर अचरज होगा कि जिस तरह आज हम अंग्रेजी में ‘द न्यू रियल' यानी नयी सच्चाई को जगह देकर पुरानी सचाइयों को खारिज कर रहे हैं, वह सिलसिला आज का नहीं, बहुत पुराना है. सदियों से हर नयी पीढ़ी यह दावा करती आयी है कि वह पुरानों से बेहतर है. सबसे पहले का लिखित दावा 11वीं सदी के आसपास का है. इसमें मिथिला के उदयनाचार्य अपने निकट परवर्ती...
More »कबाड़ के बाजार में हमारी निजता-- हरजिंदर
फेसबुक, ट्विटर या किसी अन्य सोशल मीडिया साइट पर आपने क्या डाला? अपनी जन्मतिथि, अपनी उम्र, शादी की तारीख, अपने शहर का मौसम, सहपाठियों की तस्वीरें, सहकर्मियों की पार्टी, भूली जा चुकी यात्राओं का विवरण, बेवजह की बहस, तू-तू और मैं-मैं, कविताएं, चुटकुले, नसीहतें, चचेरे भाई की वरमाल का वीडियो, दोस्त की शादी का भांगड़ा, ढेर सारी बधाइयां, शुभकामनाएं, दुआएं और श्रद्धांजलि...। सूची अंतहीन हो सकती है, पर ये आपके...
More »राह दिखाता केरल मॉडल-- सुभाष गताडे
सत्तर के दशक में केरल का सामाजिक-आर्थिक विकास का माॅडल पूरी दुनिया में सूर्खियां बना था. केरल के लोगों के जीवनस्तर में बढ़ोत्तरी (जो सामाजिक सूचकांकों में प्रतिबिंबित हो रही थी) कई विकसित देशों के बराबर थी, जबकि राज्य की प्रतिव्यक्ति आय बहुत कम थी. इसने पश्चिमी अर्थशास्त्रियों को अंचभित किया था और इसे केरल माॅडल कहा गया था. दिलचस्प बात है कि इन दिनों केरल के दूसरे ‘माॅडल'...
More »मोसुल अब एक सबक है- शशिशेखर
सबसे पहले एक स्पष्टीकरण। ये पंक्तियां किसी नेता, व्यक्ति या संगठन के पक्ष-विपक्ष में नहीं हैं। एक साधारण हिन्दुस्तानी के तौर पर मेरे मन में टेलीविजन पर कुछ दृश्यों को देखकर जो उभरा, यह उसकी अभिव्यक्ति मात्र है। मंगलवार की शाम को आंखें उस समय डबडबा आईं, जब मैंने टेलीविजन पर कुछ कंकालों, हड्डियों, कपड़ों आदि को पडे़ देखा। हिन्दुस्तानी सरजमीं से हजारों किलोमीटर दूर वे अवशेष उन हिन्दुस्तानियों के...
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