जयपुर। देशभर में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कोर्स कराने वाला इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) 2016-17 सत्र से अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और आदिवासी वर्ग के छात्रों को बीए, बीकॉम, बीएससी सहित छह कोर्स में फ्री में एडमिशन देगा। इन छात्रों से सिर्फ परीक्षा शुल्क लिया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बाद इस संबंध में इग्नू ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। परीक्षा शुल्क...
More »SEARCH RESULT
डॉक्टर ने बदली तीन सौ गांवों की तस्वीर
भारतीय रेलवे के कर्मचारी देवराव कोल्हे के पुत्र रवींद्र नागपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे थे। हर किसी को उनके डॉक्टर बनकर अपने गांव शेगाव लौटने का इंतजार था, लेकिन किसे मालूम था कि शहर में अच्छी प्रैक्टिस शुरू करने की बजाय रवींद्र एकदम उल्टी दिशा ही पकड़ लेंगे। वे महात्मा गांधी और विनोबा भावे की किताबों से बहुत प्रभावित थे। पढ़ाई पूरे होते-होते वे निश्चय कर चुके थे कि...
More »पानी के लिए पसीना बहा रहे आदिवासी...
खंडवा। भीषण जलसंकट से जूझ रहे लोगों को अपने हिस्से का पानी सहेजने की प्रेरणा नईदुनिया अभियान से मिल रही है। इसी कड़ी में खालवा क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम बूटी में आदिवासी तालाब गहरीकरण के लिए श्रमदान में जुटे हैं। स्पंदन समाजसेवा समिति के सीमा प्रकाश ने बताया कि ग्राम बूटी पंचायत धामा का दूरस्थ ग्राम है। यहां 162 घर हैं। आबादी 553 है। इसमें 113 घर कोरकू जनजाति के...
More »'मंत्रीजी! बिन पानी हमारे लड़के रह गए कुंआरे, अब तो कुछ करो'
रायसेन(मध्यप्रदेश)। मंत्री जी, चुनाव के समय तो आपने हाथ पर कलश-नारियल रखकर कसम खाई थी कि गांव में पानी-बिजली की समस्या जल्द खत्म कर देंगे। लेकिन अब क्या हुआ। चुनाव जीतने के बाद तो आप हमें भूल ही गए। यहां जवान लड़कों की शादियां नहीं हो रही हैं। जिनकी हो भी गई हैं, उनकी पत्नियां मायके से वापस ससुराल नहीं आना चाहती, क्योंकि गांव में दो से तीन किमी दूर से...
More »किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं
लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
More »