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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी : कब क्या प्रोडक्ट खरीदेंगे पहले ही बता दिया

गजेंद्र विश्वकर्मा, इंदौर। आपको कौन से कपड़े पसंद हैं? कौन सा डिजाइन आपको अच्छा लगेगा? किस रंग के प्रति आपका ज्यादा झुकाव है? यह सब पता करके यदि कम्प्यूटर आपको ऑनलाइन भेज दे तो सोचिए आपकी शॉपिंग कितनी आसान हो जाएगी। दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) के जरिए इस तरह के प्रयोग चल रहे हैं। इंदौर की आईटी कंपनी भी इसमें जुटी हुई है। डिजिटल मार्केटिंग का रूप बदलकर वो...

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गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, जिन्हें बाजार के हिसाब से अधिक मूल्य पर खरीदा गया है। अगर उसे खुले बाजार में बेचना पड़ा तो भारी घाटा उठाना पड़ेगा। घाटे के इस...

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मप्र: उज्ज्वला योजना में सिर्फ 25 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने भरवाया सिलेंडर, 75 फीसदी बोले-खत्म ही नहीं हुआ

चूल्हे के धुंए से महिलाओं को मुक्ति मिले इसके लिए शुरु की गई सरकार की उज्ज्वला योजना के कनेक्शन मुफ्त में लोगों ने ले तो लिए लेकिन कनेक्शन एक बार ले लेने के बाद उपभोक्ता उसे दोबारा भरवाने एजेंसी पर नहीं लोटे ऐसे एक दो कनेक्शन नहीं वरन 75 फीसदी ऐसे कनेक्शन है जिनमें लोग दोबारा सिलेंडर भरवाने एजेंसी पर नहीं आए।गैस एजेंसी संचालक ऐसे कनेक्शन धारियों से परेशान होकर...

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चिंतित करतीं तीन घटनाएं-- आशुतोष चतुर्वेदी

पिछले दिनों तीन गंभीर घटनाएं हुईं. ये घटनाएं हम सबके लिए चिंताजनक हैं, क्योंकि ये संकेत देती हैं कि देश किस दिशा में जा रहा है. ये घटनाएं बताती हैं कि अविश्वास का भाव कितने गहरे तक जा पहुंचा है. इन घटनाओं से सीधे तौर से हम और आप जैसे आम लोग जुड़े हैं, प्राथमिक रूप से इनसे कोई राजनेता नहीं जुड़ा है. पहली घटना में ईद मनाने के बाद...

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किसानी से डरने वाला समाज-- मृणाल पांडे

आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...

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