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बजट से किसान नाराज, नहीं दिखता संकट से निकलने का कोई रास्ता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना दूसरा बजट 2020-21 पेश करते समय यह ऐलान किया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है लेकिन किसानों का कहना है कि इस बजट में हमारे संकट का कोई समाधान नहीं है। वित्त मंत्री ने आम बजट में किसानों की भलाई के लिए वादे तो बहुत किए हैं, लेकिन इसके मुकाबले आवंटन किया केवल 2.83 लाख करोड़...

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कपास की सरकारी खरीद 261 फीसदी बढ़ी लेकिन भाव फिर भी समर्थन मूल्य से नीचे

चालू सीजन में कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद तो 261.30 फीसदी बढ़कर 38.66 लाख गांठ की हो चुकी है लेकिन उत्पादक मंडियों में कपास के दाम 5,200 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल ही हैं जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए लॉन्ग स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। कॉटन कार्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी...

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अरहर किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, दालों का आयात 47 फीसदी बढ़ा

आयात सस्ता होने के कारण किसानों को मंडियों में अरहर न्यूनतम समर्थन मूल्य  (एमएसपी) से 6,00 से 750 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है जबकि चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान दालों का आयात 47.12 फीसदी बढ़कर 22.51 लाख टन हो गया है। दलहन कारोबारी एस चंद्रशेखर नादर ने बताया कि सोमवार को गुलबर्गा मंडी में अरहर 5,050 से 5,200...

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इन नीतियों से कृषि नहीं उबरेगी

“नीतियों का फोकस बदलें और प्रतिबंधों से मुक्त कर किसान को अपनी बुद्धिमानी से चयन करने दें” कृषि क्षेत्र की नीतियां बनाने में खाद्य सुरक्षा पर फोकस रहा है। यह वाजिब भी है क्योंकि देश में खाद्य वस्तुओं की कमी और आयात पर निर्भरता से निपटने के लिए हरित क्रांति इसी वजह से शुरू की गई। वाजिब कीमत पर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता हमारी नीतियों के केंद्र में रही और बाद...

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मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल

भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...

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