पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
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लोकतंत्र को दबोचता बर्बर भीड़तंत्र-- उर्मिलेश
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 35 किमी की दूरी पर ग्रेटर नोएडा के एक गांव बिसायरा में सोमवार की रात कुछ लोगों ने संगठित ढंग से 50 वर्षीय अखलाक अहमद के घर पर हमला कर उसको मार डाला. अखलाक का 22 वर्षीय बेटा भी अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है. एकाएक हुए इस हमले, तोड़फोड़, लूटमार और हत्या की वजह क्या थी? एक अफवाह कि अखलाक गोमांस खाता...
More »गांधी जयंती पर योगेंद्र यादव के नेतृत्व में आयोजित होगी संवेदना यात्रा
गाँधी जयंती 2 अक्टूबर से कर्नाटक के यादगीर से योगेन्द्र यादव के नेतृत्त्व में जय किसान आन्दोलन की संवेदना यात्रा प्रारंभ हो रही है। यह यात्रा इस समय देश में पड़ रहे भीषण सूखे की तरफ देश का ध्यान आकृष्ट करने के लिए किया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़ अब तक पुरे देश में सामान्य से चौदह फीसद कम बारिश हुई है। देश के 295 जिलों में बारिश...
More »सूखे की आपदा और हमारे कर्तव्य
जरा सोचिए, अगर आपकी गाड़ी के एक्सीडेंट में सामने का शीशा टूट जाए, लेकिन बीमा कंपनी यह कहकर आपको कुछ भी हर्जाना देने से मना कर दे कि पहिए और इंजन तो बच गए हैं। अगर किसी की दुकान जल जाए, लेकिन मुआवजा न मिले, क्योंकि बाकी पड़ोसियों की दुकानें नहीं जलीं। या फिर आप मकान खरीदने के लिए लोन लें और आपसे बिना पूछे ही आपके मकान का बीमा...
More »देश के पर्यावरण को बचाने के लिए अकेले दम पर लगाए 1 करोड़ पेड़
दुर्ग। दारीपल्ली रमैया वो शख्स हैं जिनके बिना खम्मम में कोई भी कार्यक्रम पूरा नहीं होता। इस महान शख्स ने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा दी। हर एक समारोह में रमैया को भले ही पुरस्कारित किया जाता हो, लेकिन समारोह के अंत में वह भीड़ द्वारा फेंके गए प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को उठाने का काम करते हैं। इसके चलते कई बार लोग उन्हें कूड़ा बिनने...
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