नई दिल्ली। सरकार ने गरीबी रेखा के उपर [एपीएल] के 11.52 करोड़ परिवारों के लिए आवंटित किए जाने वाले गेहूं और चावल की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को संभवत: स्थगित कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने खाद्य मंत्रालय की ओर से रखे गए इस आशय के प्रस्ताव को टाल दिया है। इस प्रस्ताव के तहत राशन की दुकानों के जरिए एपीएल परिवारों को बेचे जाने वाले गेहूं और चावल की कीमतों...
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अब नहीं सोना पड़ता है भूखे पेट
पटना। सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के कारण अब गरीबों को भूखे पेट नहीं सोना पड़ता है। सस्ते दर पर मिलने वाले अनाज के कारण अब रोटी की समस्या नहीं रह गई है। अंत्योदय योजना के तहत 2 रुपये की दर पर 21 किलोग्राम गेहूं तथा 3 रुपये की दर पर 14 किलोग्राम चावल दिया जाता है। जबकि बीपीएल परिवार को 25 किलो गेहूं-चावल मिलता है। अत्यंत निर्धनों को...
More »महीने में 35 किलो गेहूं-चावल के भी लाले
देहरादून। प्रदेश के एपीएल उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। केंद्र से गेहूं व चावल का पर्याप्त कोटा नहीं मिलने से पिछले दो वर्ष से उत्तराखंड खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है। खाद्य मंत्रालय ने इस मामले में लगातार केंद्र से पत्राचार किया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली निरंतर कमजोर हो रही है। सरकारी सस्ते गल्ले...
More »गेहूं-चावल का भंडार लक्ष्य से दोगुना
नई दिल्ली : देश में गेहूं और चावल का भंडार 1 मार्च को तय लक्ष्य से दोगुने से भी अधिक था। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इससे यह संकेत मिल रहा...
More »‘अब हर किसी को गेहूं और चावल चाहिए’- शरद पवार
सुबह के आठ बजे हैं. लेकिन 69 वर्षीय भारत के कृषि मंत्री शरद पवार अपने दिल्ली स्थित घर में बने ऑफिस में व्यस्त हो चुके हैं...अनाज और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर आलोचनाओं से घिरे पवार ने अजित साही और राना अय्यूब से उनके कार्यकाल में कृषि नीतियों पर काफी लंबी बात की. साक्षात्कार के अंश यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन यूपीए जब सत्ता...
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