-आउटलुक, “बहुविषयक पढ़ाई पर्यावरण समझ विकसित करने में मददगार, मगर प्रयोगधर्मी शिक्षा भी अनिवार्य” कई वर्षों से पर्यावरण इतिहास के पठन-पाठन से जुड़े होने के कारण यह गहरा एहसास है कि अर्थशास्त्र, भूगोल, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान जैसे विषयों पर जानकारी के अभाव में उसे ठीक से समझ पाना काफी मुश्किल है। इस मायने में पर्यावरण अध्ययन का संबंध बहुविषयक है। इसके दायरे में वह सब आता है जिससे मानव सभ्यता...
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क्यों अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले में यूजीसी को ज़िद्दी नहीं ज़मीनी होने की जरूरत है
-सत्याग्रह, बीती छह जुलाई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्नातक और परास्नातक के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए. इन दिशा निर्देशों में कहा गया है कि देश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 सितंबर 2020 तक अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं करा ली जाएं. यूजीसी के इस आदेश का पूरे देश में विरोध हो रहा है. छात्रों और शिक्षाविदों के बाद दिल्ली, पश्चिम...
More »वाल्मीकि, तुलसीदास और रामानंद सागर से लेकर राम तक
-न्यूजक्लिक, पांच अगस्त के दिन सरकार ने हिन्दुओं के भगवान राम के नाम पर एक मंदिर के शिलान्यास की योजना बनाई है जहाँ किसी समय बाबरी मस्जिद हुआ करती थी। इस घोषणा के फौरन बाद ही इसने दो नए विवादों को जन्म दिया है। कुछ बौद्ध समूहों ने इस बात का दावा किया है कि मस्जिद का ढांचा जहाँ पर खड़ा था, उसे मंदिर के लिए जमींदोज करते वक्त जो अवशेष...
More »फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ
-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
More »प्रवासी मजदूरों के पास न खाना बचा है और न पैसे बचे हैं! घर पहुंचने के लिए तकलीफें उठाईं सो अलग..
इस महामारी काल में 5 जून को, विभिन्न सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के एक स्वयंसेवक समूह ‘स्ट्रान्डेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क’ ने अपनी तीसरी रिपोर्ट ‘टू लीव या नॉट टू लीव? लॉकडाउन, माइग्रेंट वर्कर्स एंड देयर जर्नीज् होम’ जारी की. इस नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन प्रवासी मजदूरों ने स्वान के स्वयंसेवकों को सहायता के लिए फोन किया (15 मई और 1 जून के बीच 821...
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